PNB SCAM: पीएनबी घोटाले में जांच एजेंसियों को एक बड़ी सफलता मिली है। सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नीरव मोदी के खास शख्स सुभाष शंकर को भारत लाया गया है। सुभाष शंकर करोड़ों रुपये के पीएमबी घोटाले में आरोपी था। उसे स्पेशल विमान के जरिए थोड़ी देर पहले इजिप्ट के काइरो से मुंबई लाया गया है।
49 साल का सुभाष शंकर परब 2018 में नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के समय भारत से भाग गया था। सुभाष नीरव मोदी का सबसे खास है । काइरो से इसे मुंबई लाया गया और अब सीबीआई ने इसे गिरफ्तार किया है। मुम्बई में कोर्ट में पेश करके इसकी कस्टडी लेकर पीएनबी घोटाले में इससे पूछताछ की जाएगी। आपको बता दें कि सुभाष नीरव मोदी की कंपनी में डीजीएम फाइनेंस के पद पर कार्यरत था।
क्या था पीएनबी घोटाला
- कारोबारी नीरव मोदी और उसके साथियों ने साल 2011 में बिना तराशे हुए हीरे आयात करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट सुविधा पाने के लिए पंजाब नेशनल बैंक की एक ब्रांच से संपर्क किया।
- आम तौर पर बैंक विदेश से आयात को लेकर होने वाले भुगतान के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट जारी करता है। इसमें बैंक सप्लायर को भुगतान करता है। कर्ज लेने के 90 दिन के बाद नीरव मोदी को पैसा चुकाना था।
- हालांकि पंजाब नेशनल बैंक के कुछ कर्मचारियों ने नीरव मोदी की कंपनियों को फर्जी लैटर ऑफ क्रेडिट जारी किए और इस बारे में मैनेजमेंट को अंधेरे में रखा गया।
- साजिश के तहत बैंक के कर्मचारियों ने इंटर बैंक मैसेजिंग सिस्टम तक अपनी पहुंच का फायदा उठाया जिससे भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं को नीरव मोदी पर कोई शक नहीं हुआ और उन्होंने नीरव मोदी की कंपनियों को फॉरेक्स क्रेडिट जारी कर दिए।
- जब लाइन ऑफ क्रेडिट मैच्योर हुए तो फर्जीवाड़े में शामिल बैंक के कर्मचारियों ने 7 साल तक दूसरे बैंक की रकम का इस्तेमाल इस लोन को रिसाइकिल करने के लिए किया।
- पुराने कर्मचारियों के रिटायर होने पर उनकी जगह आए नए कर्मचारियों ने ये गलती पकड़ी और घोटाले पर जांच शुरू कर दी गई।
- जांच से बचने के लिए नीरव मोदी देश से भाग गया। सरकार के प्रयासों से उसे 2019 में लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया।
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