प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शहबाज शरीफ के बीच उज्बेकिस्तान के समरकंद में 15-16 सितंबर को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात होने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात होगी। मोदी ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से 25 दिसंबर, 2015 को मुलाकात की थी, जब वह अफगानिस्तान की एक दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद दिल्ली वापस जाते समय एक आश्चर्यजनक पड़ाव पर लाहौर पहुंचे थे। यह 10 से अधिक वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा पाकिस्तान की पहली यात्रा थी।
शी जिंगपिंग और व्लादिमीर पुतिन से भी मिल सकते हैं
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बीच मोदी एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक में शामिल होने के लिए समरकंद का दौरा करेंगे। एससीओ दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय ब्लॉक है जिसमें आठ पूर्ण सदस्य शामिल हैं - भारत, कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और उजबेकिस्तान। एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री के चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मिलने की उम्मीद है।
मोदी देश के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव के निमंत्रण पर उज्बेकिस्तान का दौरा कर रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि शिखर सम्मेलन में, नेता पिछले 20 वर्षों की एससीओ की गतिविधियों की समीक्षा करेंगे और बहुपक्षीय सहयोग से संबंधित विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
मुलाकात का क्या होगा असर
अगर पीएम मोदी पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात करते हैं तो पूरी संभावना है कि इससे दोनों देशों के बीच गहराई दुश्मनी में नरमी आएगी। इसके साथ ही व्यापारिक दृष्टिकोण से भी यह मुलाकात खासा मायने रखती है। हो सकता है कि सीमावर्ती इलाकों में जिस तरह की हरकत फिलहाल पाकिस्तान कर रहा है, पीएम मोदी से मुलाकात के बाद इसमें भी वह सुधार लाए। वैसे भी देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा है कि हम अपना पड़ोसी नहीं बदल सकते, इसलिए उसके साथ अच्छे संबंध बनाकर ही हमे आगे बढ़ना चाहिए।
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