गूगल और ट्विटर तथा अन्य सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स दिन पर दिन अत्याधुनिक होते जा रहे हैं। आधुनिक युग में अब कृत्रिम बुद्धिमता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का दबदबा बढ़ने लगा है। चैट जीपीटी हो या फिर एआई द्वारा बनाई जाने वाली तस्वीर। वे भाषाओं को समझने लगी हैं। लेकिन कैसा हो जब एक ट्वीट किया जाए और ट्विटर उस ट्वीट को ट्रांसलेट करने का विकल्प ही न दे। यानि ये कह सकते हैं कि ट्विटर को समझ ही नहीं आया कि ट्वीट क्या है और ट्वीट की भाषा क्या है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जून की शाम एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने जो लिखा है वह किस भाषा का शब्दकोष है उसे कोई समझ ही नहीं पा रहा है।
पीएम मोदी ने किस भाषा में किया ट्वीट?
पीएम मोदी का यह ट्वीट खूब वायरल हो रहा है और लोग जमकर दिमाग खपा रहे हैं। लेकिन इस ट्वीट को जानने के लिए इसके पहले किए ट्वीट को पढ़ना अनिवार्य है। इसी आधार पर पीएम किसी दूसरी भाषा में क्या चाहते हैं इसका कुछ-कुछ अंदाजा लगाया जा रहा है। दरअशल हिंदी में किए गए ट्वीट में पीएम मोदी ने लिखा- हूल दिवस पर हमारे आदिवासी समाज के वीर-वीरांगनाओं को शत-शत नमन। यह विशेष अवसर हमें अन्याय के खिलाफ सिद्धो और कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो समेत कई अन्य पराक्रमियों के शौर्य और साहस का स्मरण कराता है। उनके संघर्ष की गाथा देशवासियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।
यूजर्स ने बताई कहानी
बता दें कि हिंदी ट्वीट के बाद पीएम मोदी ने संथाली भाषा में दूसरा ट्वीट किया है। इसी कारण ज्यादातर लोगों को समझ ही नहीं आ रहा है कि आखिरी प्रधानमंत्री ने क्या लिखा है और क्यों लिखा है। हालांकि कुछ ट्विटर यूजर्स ने कमेंट सेक्शन में यह जरूर बताया कि पीएम मोदी ने संथाली भाषा में ट्वीट किया है और वे क्या कहना चाहते हैं। एक यूजर ने बताया कि यह संथाली या ओल चिकी लिपि है जिसमें पीएम मोदी ने हूल दिवस की शुभकामनाएं दी हैं। एक अन्य यूजर ने कहा कि यह संथाली भाषा है जो झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ हिस्सों में बोली और लिखी जाती है।
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