प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को इंटरव्यू दिया है। ये इंटरव्यू ऐसे समय पर आया है जब 9-10 सितंबर को दिल्ली में G20 का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही संसद का विशेष सत्र 18-22 सितंबर के बीच बुलाया गया है। इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत द्वारा जी 20 की अध्यक्षता किए जाने से कई सकारात्मक प्रभाव पड़े हैं। इनमें से कुछ मेरे दिल के बेहद करीब है। इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा। उन्होंने कहा कि अब दुनिया का जीडीपी-केंद्रित दृष्टिकोण अब मानव केंद्रित में बदल रहा है।
इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कही ये बात
उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और विश्व कल्याण के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत हो सकता है। उन्होंने कहा, 'भारत साल 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा। हमारे राष्ट्रीय जीवन में जातिवाद, सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं होगा।' उन्होंने कहा कि भारत के पास आज शानदार मौका है विकास की नींव रखने की जिसे हजारों वर्ष तक याद रखा जाएगा। भविष्य में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश में जी 20 की बैठकें आयोजित करने पर पाकिस्तान और चीन की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि (भारत के) हर भाग में बैठक आयोजित होना “स्वाभाविक” है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि लंबे समय तक भारत को एक अरब भूखे पेट वाले देश के रूप में देखा जाता था, अब यह एक अरब महत्वाकांक्षी मस्तिष्क और दो अरब कुशल हाथों वाला देश है। जी 20 में हमारे शब्दों और दृष्टिकोण को विश्व ने केवल विचारों के रूप में ही नहीं बल्कि भविष्य के एक रोडमैप के रूप में देखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि फेक न्यूज अराजकता का कारण बन सकती हैं और इनसे समाचार माध्यमों की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंच सकता है। आतंकवादी अपने नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए ‘डार्कनेट’, ‘मेटावर्स’ और ‘क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म’ का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'साइबर खतरों को बहुत गंभीरता से लिया जाना चाहिए। साइबर आतंकवाद, ऑनलाइन कट्टरपंथ, धनशोधन इस खतरे की झलक भर हैं।'
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