PM Narendra Modi govt 8 years: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने India TV Samvaad महासम्मेलन के मंच पर लिंचिंग (हत्या) के मुद्दे पर अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा, 'लिंचिंग की अक्सर शिकायत होती है। सलमान रुश्दी की किताब पर 300 से ज्यादा लोगों की लिंचिंग हुई। सलमान रुश्दी जिंदा हैं, लेकिन लिंचिंग करने वाले कौन थे?'
आरिफ (Arif Mohammad Khan) ने बताया, 'मेरे ऊपर लिंचिंग के 5 अटेम्प्ट हुए। जामिया में जो अटेम्प्ट हुआ था, उन्होंने मेरे सिर पर रॉड मारी थी। एम्स के डॉक्टरों ने कहा था कि 10 मिनट अगर मैं और लेट पहुंचता तो बचना मुश्किल हो जाता। यह लिंचिंग किसने सिखाई है? यह कभी मत समझिएगा कि मैं किसी कम्युनिटी के लिए कह रहा हूं। यहां आप हिंदू-मुस्लिम की बात करते हैं, गांव में तो वे चाचा-ताऊ हैं, भाई-भतीजा हैं। उनका एक दूसरे के बिना काम नहीं चलता।'
दिल्ली में बैठने वाले खड़ी कर रहे अलगाववाद की दीवारें: आरिफ मोहम्मद खान
आरिफ ने कहा, 'दिल्ली में बैठकर एक वर्ग का प्रतिनिधत्व करने वाले अलगाववाद की दीवारें खड़ी कर रहे हैं। आम आदमी अलग नहीं हैं, उनका तो एक-दूसरे के बगैर काम ही नहीं चल सकता। समस्या कम्युनिटी लीडर नहीं है, समस्या दिल्ली में बैठी वे सरकारें थीं जो इन्हें स्वीकार करती थीं।'
उन्होंने (Arif Mohammad Khan) कहा, 'आज की सरकार उन्हें समुदाय का प्रतिनिधि मानने से इनकार कर देती हैं, वे कहती हैं कि अपनी बात करो। समुदाय तो पहले भी उन्हें अपना नहीं मानती थी। मजहबी पार्टियों ने पड़ोस के मुल्क में कभी लोकतांत्रिक रूप से चुनी किसी सरकार को चलने नहीं दिया, लेकिन खुद जब उन्होंने चुनाव लड़ा तो 1-2 पर्सेंट से ज्यादा वोट नहीं मिला।'
पहले हुई घटनाओं के लिए मैं नहीं हूं जिम्मेदार: आरिफ
आरिफ ने कहा, 'भूतकाल में किसी ने कुछ किया तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं, लेकिन जो इतिहास उन्होंने बनाया है, उसकी मेमोरी के लिए मैं जिम्मेदार हूं। अगर मैं उसे स्वीकार नहीं करूंगा, तो समाज में कड़वापन बना रहेगा।'
उन्होंने (Arif Mohammad Khan) कहा, 'एक बार चीजों को स्वीकार कर लेने के बाद उसका समाधान निकाला जा सकता है। साउथ अफ्रीका में ट्रुथ कमीशन बना कि नहीं बना? मुझे यह स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। वे कोई दीनी हुकूमतें नहीं थीं।'
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