G20 शिखर सम्मेलन का आगाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर दिया है। G20 समिट के उद्घाटन भाषण की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने मोरक्को से की। मोरक्को में आए भूकंप को पर उन्होंने दुख जताते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की और कहा कि हम मोरक्को की हर संभव मदद करने को तैयार हैं। इस दौरान उन्होंने दुनियाभर से आए अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा, 'ढाई हजार साल पहले भारत की भूमि ने पूरे विश्व को ये संदेश दिया था कि मानवता का कल्याण और सुख सदैव सुनिश्चित किया जाएगा।' इस दौरान उन्होंने उस पिलर का भी जिक्र किया जिसपर प्राकृत भाषा में यह लिखा हुआ है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना का किया जिक्र
उन्होंने आगे कहा कि इस संदेश को याद कर जी20 की शुरुआत करें। ये वो समय है ज सालों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही हैं। पीएम मोदी ने संबोधन मे कहा कि कोविड 19 के बाद विश्व में विश्वास का एक बड़ा संकट आया है। युद्ध के कारण एक देशों के बीच में विश्वास की कमी हुई है। जम हम कोविड को हरा सकते हैं तो आपसी अविश्वास के तौर पर पनपे संकट को भी हराने में सक्षम हैं। हम सब मिलकर ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को एक विश्वास और एक भरोसे में बदलें। उन्होंने कहा, ' समय सबको साथ लेकर चलने का है। सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास का मंत्र हम सबके लिए मार्गदर्शक बन सकता है।'
जी20 में शामिल हुआ अफ्रीकन यूनियन
पीएम मोदी ने अपने उद्घाटन संबोधन में आगे अफ्रीकन यूनियन पर बात की, जिसपर उन्होंने कहा कि अफ्रीकन यूनियन को जी20 ग्रुप में स्थायी रूप से शामिल करने में सभी देशों की सहमति है। उन्होंने कहा कि हमने प्रस्ताव रखा था कि अफ्रीकन यूनियन को जी20 की स्थायी सदस्यता दी जाए। विश्वास है कि इसमें आप सबकी सहमति है। इसी सहमति के साथ पीएम मोदी ने अफ्रीकन यूनियन को जी20 देशों के ग्रुप में शामिल किया और अफ्रीकी यूनियन को इस ग्रुप की स्थायी सदस्यता दी गई। बता दें कि अफ्रीकन यूनियन में कुल 55 देश शामिल हैं।
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