चेन्नई-मैसूर वंदे भारत एक्सप्रेस को पीएम मोदी दिखाएंगे हरी झंडी, दक्षिण भारत में इस तरह की होगी पहली ट्रेन
देश को पांचवीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात मिलने जा रही है। पीएम मोदी इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन चेन्नई-बेंगलुरु और मैसूर के बीच दौड़ेगी।
प्रधानमंत्री बेंगलुरु के क्रांतिवीर संगोली रायन्ना (KSR) रेलवे स्टेशन पर चेन्नई-मैसूर वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। ये देश की पांचवीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन होगी और दक्षिण भारत में इस तरह की पहली ट्रेन होगी। ये चेन्नई के औद्योगिक केंद्र और बेंगलुरु के टेक एंड स्टार्टअप हब और प्रसिद्ध पर्यटन शहर मैसूर के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी। प्रधानमंत्री बेंगलुरु केएसआर (KSR) रेलवे स्टेशन से भारत गौरव काशी यात्रा ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे।
भारत गौरव योजना के तहत इस ट्रेन को चलाने वाला कर्नाटक पहला राज्य है जिसमें कर्नाटक सरकार और रेल मंत्रालय मिलकर कर्नाटक से तीर्थयात्रियों को काशी भेजने के लिए काम कर रहे हैं। तीर्थयात्रियों को काशी, अयोध्या और प्रयागराज जाने के लिए आरामदायक प्रवास और मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। सुबह करीब 10:20 बजे प्रधानमंत्री बेंगलुरु के केएसआर रेलवे स्टेशन पर वंदे भारत एक्सप्रेस और भारत गौरव काशी दर्शन ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। वहीं 5000 करोड़ की लागत से बने केम्पेगौड़ा इंटरनेश्नल एयरपोर्ट के दूसरे टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजधानी की अपनी यात्रा के दौरान बेंगलुरु के संस्थापक नादप्रबु केम्पेगौड़ा की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे।
ये होगी ट्रेन की टाइमिंग
चेन्नई-मैसूर वंदे भारत एक्सप्रेस एमजीआर (MGR) चेन्नई सेंट्रल से सुबह 5 बज कर 50 मिनट पर खुलेगी और 10 बज कर 25 मिनट पर बेंगलुरु पहुंचेगी। बेंगलुरु से यह साढ़े 10 बजे खुलेगी और दोपहर 12:30 बजे अपने अंतिम गंतव्य मैसूर पहुंच जाएगी। यह ट्रेन 6 घंटे 40 मिनट में 497Km की दूरी तय करेगी और सप्ताह में 6 दिन चलेगी।
वंदे भारत एक्सप्रेस में क्या है खास
- वंदे भारत ट्रेन को मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बनाया गया है।
- वंदे भारत एक्सप्रेस के नए डिजाइन में एयर प्यूरिफिकेशन के लिए फोटोकैटलिटिक अल्ट्रा वायलेट एयर फिल्ट्रेशन सिस्टम लगाया गया है
- इसमें तीन घंटे का बैटरी बैकअप है और इसका वजन 430 टन से घटाकर 290 टन किया जाएगा। राइडिंग कम्फर्ट को मापने वाले इस राइड इंडेक्स को बढ़ाकर 3.2 कर दिया गया है।
- ट्रेन में सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन है, यानी कोई बाहरी इंजन नहीं है। एक्जीक्यूटिव कोच की कुर्सियां 360 डिग्री तक घूम सकती हैं।
- यदि भारत दूसरे देश से यह ट्रेन खरीदता तो वंदे भारत एक्सप्रेस की तुलना में 40% महंगी मिलती
- वंदे भारत ट्रेन के पहले रेक को बनाने में 100 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इसे पूरा करने में 18 महीने लगे थे
- वंदे भारत में 32 इंच के LCD टीवी हैं। 15% अधिक ऊर्जा और ट्रैक्शन मोटर की धूल रहित शुद्ध वायु शीतलन के साथ यात्रा अधिक आरामदायक होगी।