सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना चाहिए, चीन के साथ संबंधों पर पीएम मोदी ने कही बड़ी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे से पहले 'वाल स्ट्रीट जर्नल' को दिए इंटरव्यू में अमेरिका के साथ ही चीन से रिश्तों पर भी बात की।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे की शुरुआत से पहले 'वाल स्ट्रीट जर्नल' को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और संप्रभुता का पूरा सम्मान करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि चीन के साथ सामान्य संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता जरूरी है।
भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में हमारा मूल विश्वास है। साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है।
सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता जरूरी
उन्होंने कहा कि चीन के साथ सामान्य संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता आवश्यक है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को भारत और चीनी सेनाओं के बीच संघर्ष हो गया था। यह पिछले पांच दशक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इस तरह का पहला संघर्ष था और इससे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आ गया था।
विवादों का 'कूटनीति और बातचीत' के जरिए समाधान हो
यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को लेकर भारत की भूमिका से जुड़े एक सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान शांति के पक्ष में है। उन्होंने कहा, "सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विवादों को 'कूटनीति और बातचीत' के जरिए हल किया जाना चाहिए, युद्ध के साथ नहीं।" उन्होंने कहा, "कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं। लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं। हम शांति के पक्ष में हैं। दुनिया को पूरा विश्वास है कि भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता शांति है।" मोदी ने कहा कि संघर्ष को समाप्त करने और स्थायी शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भारत जो कुछ भी कर सकता है वह करेगा। उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत सभी वास्तविक प्रयासों का समर्थन करता है।
अमेरिका और भारत के नेताओं के बीच 'अभूतपूर्व विश्वास'
भारत-अमेरिका संबंधों की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं के बीच 'अभूतपूर्व विश्वास' है। उन्होंने कहा, 'भारत एक उच्च, गहरी और व्यापक प्रोफ़ाइल और एक विस्तृत भूमिका का हकदार है। हम भारत को किसी देश की जगह लेने वाले के रूप में नहीं देखते हैं। हम इस प्रक्रिया को भारत को दुनिया में अपना सही स्थान हासिल करने के रूप में देखते हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ है और यही कारण है कि उनकी विचार प्रक्रिया, उनका आचरण या फिर वह जो कहते और करते हैं, वह देश की विशेषताओं और परंपराओं से प्रेरित और प्रभावित है। उन्होंने कहा, मुझे इससे अपनी ताकत मिलती है। मैं अपने देश को दुनिया के सामने वैसे ही पेश करता हूं जैसा मेरा देश है, और खुद को भी, जैसा मैं हूं।' (भाषा)