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Modi-Zelensky Talks: पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से की बात, कहा- यूक्रेन संकट का सैन्य समाधान नहीं हो सकता

Modi-Zelensky Talks: बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन सहित अन्य परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि परमाणु प्रतिष्ठानों को खतरे में डालने के जन स्वास्थ्य, पर्यावरण पर दूरगामी और विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं।

Modi-Zelensky Talks- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Modi-Zelensky Talks

Highlights

  • प्रधानमंत्री मोदी ने वोलोदिमीर जेलेंस्की से की फोन पर बात
  • पीएम मोदी और जेलेंस्की ने यूक्रेन में जारी युद्ध पर की बातचीत
  • पीएम ने दोहराया वार्ता-कूटनीति से ही समाधान निकल सकता है

Modi-Zelensky Talks: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Vlodimir Zelensky) से टेलीफोन पर बातचीत की और इस बात पर बल दिया कि यूक्रेन संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने यह रेखांकित भी किया कि परमाणु प्रतिष्ठानों को खतरे में डालने के दूरगामी और विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी और जेलेंस्की ने यूक्रेन में जारी युद्ध पर बातचीत की और इस दौरान एक बार फिर दोहराया कि वार्ता और कूटनीति के जरिए ही इसका समाधान निकल सकता है। 

 इस संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है- PM मोदी

पीएमओ ने कहा, "प्रधानमंत्री ने इस लड़ाई जल्द समाप्त करने और वार्ता व कूटनीति के मार्ग पर आगे बढ़ने की आवश्यकता के अपने आह्वान को दोहराया।" प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर दृढ़ विश्वास जताया कि इस संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी प्रकार के शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए भारत तैयार है। मोदी ने इस दौरान संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सभी देशों की क्षेत्रीय एकता व सार्वभौमिकता का सम्मान करने के महत्व को एक बार फिर दोहराया। 

पीएम ने यूक्रेन सहित अन्य परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर भी जोर दिया

बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन सहित अन्य परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि परमाणु प्रतिष्ठानों को खतरे में डालने के जन स्वास्थ्य, पर्यावरण पर दूरगामी और विनाशकारी प्रभाव हो सकते हैं। बता दें कि जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र यूक्रेन में रूस के हमले में सबसे चिंताजनक टकराव वाले बिंदुओं में से एक के रूप में उभरा है। यह संघर्ष में क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसको लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता जताई गई थी। रूस और यूक्रेन ने इस संयंत्र पर हमले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। यह यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गत शुक्रवार को यूक्रेन के लुहांस्क, दोनेत्सक, खेरसॉन और जापोरिज्जिया क्षेत्र के रूस में विलय का दावा किया था। 

रूसी राष्ट्रपति से पीएम मोदी ने कहा था- आज का युग युद्ध का नहीं है

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से पिछले दिनों हुई बातचीत में यूक्रेन में संघर्ष को जल्द समाप्त करने पर जोर देते हुए कहा था कि आज का युग युद्ध का नहीं है। फरवरी में यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों नेताओं के बीच पहली बार आमने-सामने मुलाकात हुई है। समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर एक द्विपक्षीय बैठक में मोदी ने यूक्रेन में अस्थिरता को जल्द से जल्द समाप्त करने का आह्वान करते हुए लोकतंत्र, संवाद और कूटनीति के महत्व को रेखांकित किया था। 

यूक्रेन में संघर्ष पर आपका रुख जानता हूं, मैं आपकी चिंताओं से अवगत हूं- पुतिन

इस दौरान पुतिन ने मोदी से कहा, "मैं यूक्रेन में संघर्ष पर आपका रुख जानता हूं, मैं आपकी चिंताओं से अवगत हूं, जिनके बारे में आप बार-बार बताते रहते हैं। हम इसे जल्द से जल्द रोकने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। दुर्भाग्यपूर्ण रूप से विरोधी पक्ष यूक्रेन के नेतृत्व ने वार्ता प्रक्रिया छोड़ने का ऐलान किया और कहा कि वह सैन्य माध्यमों से यानी युद्धक्षेत्र में अपना लक्ष्य हासिल करना चाहता है। फिर भी वहां जो भी हो रहा है, हम आपको उस बारे में सूचित करते रहेंगे। बहरहाल, जेलेंस्की और मोदी ने द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच पिछले साल नवंबर में ग्लासगो में द्विपक्षीय वार्ता हुई थी।

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