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Hindi News भारत राष्ट्रीय नए संसद भवन में PM मोदी ने कहा 'मिच्छामी दुक्कड़म', जानिए क्या होता है इसका अर्थ

नए संसद भवन में PM मोदी ने कहा 'मिच्छामी दुक्कड़म', जानिए क्या होता है इसका अर्थ

नए संसद भवन में आज से विशेष सत्र की शुरुआत हो चुकी है। नए संसद भवन में प्रवेश करते ही पीएम मोदी ने कहा कि यह समय अतीत की हर कड़वाहट को भुलाने का समय है। उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से सभी को मिच्छामी दुक्कड़म।

pm modi- India TV Hindi Image Source : PTI प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

देश नए संसद भवन के साथ नए दौर में प्रवेश कर चुका है और पुरानी संसद को विदाई दी गई है। नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन से अपने पहले संबोधन में कहा कि विज्ञान जगत में चंद्रयान-3 की गगनचुंबी सफलता हर देशवासी को गर्व से भर देती है। भारत के नेतृत्व में जी-20 का गरिमामय आयोजन, भारत के लिए यह गर्व का क्षण है।

'अतीत की कड़वाहट भूल आगे बढ़ें'
पीएम मोदी ने आगे कहा कि यह समय अतीत की हर कड़वाहट को भुलाने का समय है। उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से सभी को मिच्छामी दुक्कड़म। उन्होंने कहा,'आज संवत्सरी भी मनाई जाती है, यह एक अद्भुत परंपरा है। आज वह दिन है जब हम 'मिच्छामी दुक्कड़म' कहते हैं, इससे हमें किसी ऐसे व्यक्ति से माफी मांगने का मौका मिलता है जिसे हमने जानबूझकर या अनजाने में ठेस पहुंचाई है। मैं भी कहना चाहता हूं ' मिच्छामी दुक्कड़म', संसद के सभी सदस्यों और देश के लोगों को।

क्या है मिच्छामी दुक्कड़म का अर्थ?
बता दें कि जैन धर्म के मुताबिक मिच्छामी का अर्थ क्षमा करने से और दुक्कड़म का अर्थ गलतियों से है। इसका मतलब होता है कि मेरे द्वारा जाने-अनजाने में की गई गलतियों के लिए मुझे क्षमा करें।  

जैन समाज में पर्युषण पर्व का विशेष महत्व है। इस पर्व के समापन के दौरान लोग एक-दूसरे को मिच्छामी दुक्कड़म कहते हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है कि मैंने मन, वचन और काया से जाने-अनजाने में आपका दिल दुखाया हो तो मैं हाथ जोड़कर आपसे क्षमा मांगता हूं।

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