धारा 370, GST, तीन राज्यों का गठन... पुरानी संसद में PM मोदी की 50 मिनट की आखिरी स्पीच; हर ऐतिहासिक फैसले की दिलाई याद
बड़े फैसलों का गवाह बनने वाले संसद के इस ''छोटे विशेष सत्र'' में पीएम मोदी ने कहा कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के ऐतिहासिक विशेष सत्र में आज वो भाषण दिया जो लंबे वक्त तक याद रखा जाएगा। पीएम मोदी ने पंडित जवाहरलाल नेहरू का गुणगान किया और लालबहादुर शास्त्री का योगदान याद दिलाया। इतना ही नहीं,उन्होंने इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव, मनमोहन सिंह से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक के कार्यकाल में मिली बड़ी उपलब्धियों की चर्चा की। तालियों की गूंज के बीच पुराने संसद भवन में कार्यवाही के अंतिम दिन आज पीएम मोदी ने संसद का 75 साल का गौरवशाली इतिहास बताया। हिंदुस्तान के चांद पर पहुंच जाने, G-20 का सफल आयोजन करने और GST लागू होने को बड़ी उपलब्धि बताया तो धारा 370 खत्म करने के अपने ऐतिहासिक फैसलों का जिक्र भी किया।
जब मैं पहली बार संसद आया...
बड़े फैसलों का गवाह बनने वाले संसद के इस ''छोटे विशेष सत्र'' की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने आज विपक्ष पर बड़ा हमला भी बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस वक्त भारत का दुनिया में डंका बज रहा है, हिंदुस्तान को पूरा विश्व ''विश्वमित्र'' मान रहा है उस वक्त देश के कुछ लोगों में भारत के प्रति शक का भाव बना हुआ है। अपने इस भाषण ने प्रधानमंत्री मोदी ने उन दिनों को भी याद किया जब वो पहली बार संसद पहुंचे थे। पीएम ने कहा कि ये लोकतंत्र की ताकत है कि ये स्टेशन पर चाय बेचकर गुजारा करने वाला संसद तक पहुंच गया। उन्होंने कहा, पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुका दिया। इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करते हुए मैंने पैर रखा था। वह पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था।
पुरानी संसद में प्रधानमंत्री का आखिरी भाषण
पीएम मोदी ने पुराने भवन में 50 मिनट की आखिरी स्पीच दी। इस दौरान उन्होंने इस संसद भवन में लिए गए हर एतिहासिक फैसले की याद दिला दी। पीएम ने पुराने संसद भवन का इतिहास बताया। मोदी ने कहा कि 'इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के लगे थे।'
'धारा 370 हटाने पर सदन को हमेशा गर्व रहेगा'
उन्होंने कहा, धारा 370 हटाने पर सदन को हमेशा गर्व रहेगा। तीन राज्यों के गठन और GST पर ऐतिहासिक फैसला इसी संसद ने लिया। पीएम ने इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों को याद करते हुए कहा, ये वो सदन है जहां पंडित नेहरू का स्टोक्स ऑफ मिडनाइट की गूंज हम सबको प्रेरित करता है। इदिरा गांधी के नेतृत्व में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम का आंदोलन भी इसी सदन ने देखा था।
PM मोदी के भाषण की बड़ी बातें-
- ये वो सदन है जहां भगत सिंह ने बम धमाका किया, इसी सदन में नेहरू ने कहा था 'स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट'
- इसी सदन में बाबासाहेब आम्बेडकर ने वॉटर पॉलिसी दी थी, लालबहादुर शास्त्री ने हरित क्रांति की नींव रखी
- इसी सदन ने इमरजेंसी देखी, लोकतंत्र पर हमला देखा
- धारा 370 हटाने पर सदन को हमेशा गर्व रहेगा, GST पर ऐतिहासिक फैसला इसी संसद ने लिया
- इसी सदन में एक वोट से अटल जी की सरकार गिरी
- पुराना भवन नई पीढ़ी को प्रेरणा देता रहेगा, आम नागरिकों का संसद में अटूट विश्वास
- संसद में वाद-विवाद के बीच परिवार का भाव, संसद ने नेहरू, शास्त्री और इंदिरा जी को खोया
- संसद पर हमले को देश कभी भूल नहीं सकता, संसद पर हमला हमारी आत्मा पर हमला था
- इसी सदन में एक वोट से अटल जी की सरकार गिरी
- चंद्रयान 3 की कामयाबी से भारत का दुनिया में प्रभाव बढ़ा
- G-20 की सफलता देश के संघीय ढांचे की सफलता
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