नयी दिल्ली: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। बाबा विश्वनाथ की सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है? आगे पीएम मोदी ने कहा, "आतातायियों ने इस नगरी पर आक्रमण किए, इसे ध्वस्त करने के प्रयास किए। औरंगजेब के अत्याचार, उसके आतंक का इतिहास साक्षी है। जिसने सभ्यता को तलवार के बल पर बदलने की कोशिश की, जिसने संस्कृति को कट्टरता से कुचलने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से कुछ अलग है।" पीएम मोदी ने इतिहास के पन्नों को पलटते हुए कहा, " सल्तनतें आई और चली गई लेकिन बनारस वही है।"
काशी की धरती पर पीएम मोदी ने कहा, "यहाँ अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं। अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं।"
भव्य काशी कॉरिडोर को लेकर पीएम मोदी ने कहा, "मैं आज हर उस श्रमिक भाई-बहनों का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिनका पसीना इस इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के इस विपरित काल में भी उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया।" आगे पीएम ने कहा, "हमारे कारीगर, हमारे सिविल इंजीनयरिंग से जुड़े लोग, प्रशासन, वो परिवार जिनके यहां घर थे सभी का मैं अभिनंदन करता हूं। इन सबके साथ यूपी सरकार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी अभिनंदन करता हूं जिन्होंने काशी विश्वनाथ धाम परियोजना को पूरा करने के लिए दिन-रात एक कर दिया।"
पीएम मोदी के मुताबिक इस मंदिर में अब 70 हजार से अधिक श्रद्धालु आ सकते हैं। पीएम मोदी ने कहा, "पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल तीन हज़ार वर्ग फीट में था, वो अब करीब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब मंदिर और मंदिर परिसर में 50 से 75 हज़ार श्रद्धालु आ सकते हैं यानि पहले मां गंगा का दर्शन-स्नान और वहां से सीधे विश्वनाथ धाम।"
संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है, ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का, ये प्रतीक है हमारी आध्यात्मिक आत्मा का, ये प्रतीक है भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का, भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का।"
वहीं, पीएम मोदी से पहले अपने संबोधन में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "गांधी जी 100 वर्ष पहले इसी काशी की गलियों की गंदगी देखकर अप्रसन्न हुए थे, सरकारें आयी गयी, लेकिन इन काशी की गलियों का सौंदर्यीकरण अब प्रधानमंत्री द्वारा पूरा किया गया। गांधी के नाम पर बहुतों ने सत्ता प्राप्त की, लेकिन वाराणसी को स्वच्छ करने के सपने को हम सब ने साकार किया है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 339 करोड़ रुपये के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन किया। उन्होंने काशी विश्वनाथ से पहले वाराणसी पहुंचकर गंगा नदी में डुबकी लगाई। सूर्य को नमस्कार किया, अर्घ्य दिया और रुद्राक्ष का जाप किया। इससे पहले सुबह बनारस पहुंच पीएम मोदी ने काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना की। पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर हैं।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने देश से तीन संकल्प मांगे हैं। उन्होंने कहा, "मैं आपसे अपने लिए नहीं, हमारे देश के लिए तीन संकल्प चाहता हूं- स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास।"
वहीं, पीएम मोदी ने कहा, "बनारस वो नगर है जहां से जगद्गुरू शंकराचार्य को डोम राजा की पवित्रता से प्रेरणा मिली, उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधने का संकल्प लिया। ये वो जगह है जहां भगवान शंकर की प्रेरणा से गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस जैसी अलौकिक रचना की। छत्रपति शिवाजी, रानीलक्ष्मी बाई से लेकर चंद्रशेखर आज़ाद तक..., कितने ही सेनानियों की कर्मभूमि-जन्मभूमि काशी रही है। भारतेन्दु हरिश्चंद्र, जयशंकर प्रसाद, मुंशी प्रेमचंद,पंडित रविशंकर, और बिस्मिल्लाह खान जैसी प्रतिभाएं इस स्मरण को कहां तक ले जाया जाए।"
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