प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन की महत्वाकांक्षी पुनर्विकास परियोजना की आधारशिला रखी। ‘रेल भूमि विकास प्राधिकरण’ की 446 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना इसलिए भी अहम है क्योंकि विशाखापट्टनम जल्द ही नये दक्षिण तटीय रेलवे जोन का हेडक्वार्टर बनने वाला है। केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी पीएम मोदी के साथ इस मौके पर मौजूद रहे। ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) पर आधारित इस परियोजना का मकसद यात्रियों को वर्ल्ड क्लास सुविधा मुहैया कराना है।
इन सुविधाओं से लैस होगा विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन-
- पुनर्विकास के बाद स्टेशन पर अत्याधुनिक स्काई-वॉक होगा जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म आदि पर पहुंचने में बहुत आसानी होगी।
- प्लेटफॉर्म के ऊपर एक ‘रूफ प्लाजा’ बनाया जाएगा जो डिपार्चर हॉल को साझा वेटिंग रूम से जोड़ेगा, इससे यात्रियों को आवागमन में सुविधा होगी।
- इस पुनर्विकास योजना के तहत मल्टी लेवल कार पार्किंग के ऊपर एक व्यावसायिक क्षेत्र बनया जाएगा।
- व्यावसायिक क्षेत्र के अलावा इंटरनेट आधारित स्मार्ट पार्किंग मैनेजमेंट सिस्टम होगा
- इसके साथ ही स्टेशन पर दुकानों और दफ्तरों के लिए जगह होगी।
- वेटिंग रूम और मेडिकल एमरजेंसी रूम भी बनाए जाएंगे।
पुनर्विकास से स्थानीय अर्थव्यवस्था को फायदा
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर बहुस्तरीय प्रभाव होगा और इससे विकास को गति मिलेगी। उन्होंने बताया, ‘‘विशाखापट्टनम देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है। हाल के समय में आईटी सेक्टर में हुए विकास से शहर में आर्थिक गतिविधियों को काफी लाभ हुआ है।’’
विशाखापट्टनम में व्यापार की समृद्ध परंपरा- मोदी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 10,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस मौक पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी भी मौजूद रहे। विशाखापट्टनम में पीएम मोदी ने कहा कि ये शहर बहुत खास है। यहां हमेशा से ही व्यापार की समृद्ध परंपरा रही है। विशाखापट्टनम प्राचीन भारत का एक महत्वपूर्ण पोर्ट था। हजारों वर्ष पहले इस पोर्ट के जरिए पश्चिमी एशिया और रोम तक व्यापार होता था। आज भी विशाखापट्टनम भारत के व्यापार का केंद्र बिंदु बना हुआ है।
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