43 साल बाद किसी भारतीय PM का कुवैत दौरा, दोनों देशों के बीच ऐसा रहा है संबंध
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय कुवैत दौरे पर जाने वाले हैं। दोनों देशों के बीच औपचारिक कूटनीतिक संबंध 1961 में स्थापित हुए थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच कई उच्चस्तरीय दौरे हुए।
भारत और कुवैत के बीच परंपरागत रूप से मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं, जो साझा इतिहास, मजबूत व्यापारिक संबंधों और सांस्कृतिक साझेदारी पर आधारित हैं। इस साल भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत की पहली राजकीय यात्रा 43 वर्षों बाद एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हो रही है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाता है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 21-22 दिसंबर को कुवैत का दौरा करेंगे।
भारत और कुवैत के रिश्ते प्राचीन काल से ही मजबूत रहे हैं, जब कुवैत का आर्थिक तंत्र समुद्री व्यापार पर निर्भर था। भारत से कुवैत आने-जाने वाले व्यापारिक जहाजों के माध्यम से लकड़ी, अनाज, कपड़े और मसाले कुवैत भेजे जाते थे, जबकि कुवैत से खजूर, अरब घोड़े और मोती भारत भेजे जाते थे। भारतीय रुपया कुवैत में 1961 तक कानूनी मुद्रा था, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों की स्थिरता का प्रतीक है।
भारत और कुवैत के बीच औपचारिक कूटनीतिक संबंध 1961 में स्थापित हुए थे। इसके बाद से दोनों देशों के बीच कई उच्चस्तरीय दौरे हुए, जिनमें भारत के उपराष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन (1965), प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (1981) और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी (2009) शामिल हैं। कुवैत से भी कई महत्वपूर्ण दौरे हुए, जिनमें शेख सबा अल-आहमद अल-जाबेर अल-सबा (2006) और प्रधानमंत्री शेख जाबेर अल-मुबारक अल-हमद अल-सबा (2013) शामिल हैं। 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुवैत के क्राउन प्रिंस के बीच न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान मुलाकात हुई। इसके अलावा भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने 18 अगस्त 2024 को कुवैत का दौरा किया।
आर्थिक सहयोग
कुवैत भारत के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में शामिल है। 2023-24 वित्तीय वर्ष में द्विपक्षीय व्यापार 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। कुवैत भारत का 6वां सबसे बड़ा कच्चे तेल आपूर्तिकर्ता है, जो भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं का 3% पूरा करता है। कुवैत निवेश प्राधिकरण (KIA) ने भारत में 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया है।
सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंध
भारत और कुवैत के बीच सांस्कृतिक संबंध भी मजबूत हैं। भारतीय संगीत, फिल्में और भोजन कुवैत में बहुत लोकप्रिय हैं। मार्च 2023 में कुवैत में भारतीय संस्कृति महोत्सव आयोजित हुआ और अप्रैल 2024 में कुवैत राष्ट्रीय रेडियो पर हिंदी कार्यक्रम की शुरुआत हुई। शैक्षिक क्षेत्र में कुवैत में 26 सीबीएसई स्कूल हैं, जिनमें 60,000 से अधिक छात्र पढ़ते हैं। इसके अतिरिक्त 2024 में गल्फ यूनिवर्सिटी फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी में हिंदी चेयर की स्थापना भी हुई।
कुवैत में भारतीय समुदाय का आकार लगभग 1 मिलियन है, जो विभिन्न क्षेत्रों में काम करता है और भारत एवं कुवैत के बीच एक जीवित सेतु के रूप में कार्य करता है। दोनों देशों के बीच श्रमिकों की आवाजाही के लिए 2021 में एक द्विपक्षीय समझौता हुआ था, जो घरेलू श्रमिकों की भर्ती से संबंधित है।
संकट के समय सहयोग
COVID-19 महामारी के दौरान भारत और कुवैत ने एक-दूसरे की मदद की। भारत ने कुवैत को चिकित्सा टीमें भेजी, जबकि कुवैत ने भारत को 425 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन और 12,500 ऑक्सीजन सिलेंडर प्रदान किए।
ऊर्जा और विज्ञान सहयोग
कुवैत भारत का 6वां सबसे बड़ा कच्चे तेल आपूर्तिकर्ता है और एलपीजी का चौथा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। दोनों देशों के बीच ऊर्जा साझेदारी मजबूत है और कुवैत भारतीय कृषि एवं विज्ञान संस्थानों के साथ सहयोग कर रहा है।
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