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Hindi News भारत राष्ट्रीय पीएम मोदी ने खरगे का किया धन्यवाद, बोले- 10 साल की समृद्धि में काले टीका का किया काम

पीएम मोदी ने खरगे का किया धन्यवाद, बोले- 10 साल की समृद्धि में काले टीका का किया काम

राज्यसभा से विदा होने वाले सांसदों को आज उच्च सदन में प्रधानमंत्री मोदी संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सांसदों की कभी विदाई नहीं होती। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की भी खूब प्रशंसा की।

pm modi- India TV Hindi Image Source : SANSAD TV राज्यसभा में सांसदों को संबोधित कर रहे पीएम मोदी

राज्यसभा से विदा होने वाले सांसदों को आज उच्च सदन में प्रधानमंत्री मोदी संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सांसदों की कभी विदाई नहीं होती। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की भी खूब प्रशंसा की। इस दौरान कांग्रेस पर हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज देश पिछले 10 साल में समृद्धि के नए-नए शिखर छू रहा है। एक भव्य-दिव्य वातावरण बना है और उसको नज़र ना लग जाए इसीलिए काला टीका करने का आज प्रयास हुआ है। मैं उसके लिए भी खरगे जी का बहुत धन्यवाद करता हूं ताकि हमारी इस प्रगति की यात्रा को कोई नज़र ना लग जाए। मैं उसका (ब्लैक पेपर) भी स्वागत करता हूं क्योंकि जब भी अच्छी बात होती है तो काला टीका, नज़र ना लग जाए इसीलिए बहुत जरूरी होता है।"

"मनमोहन सिंह अपनी व्हीलचेयर पर आए और..."

बता दें कि जिन सांसदों का कार्यकाल आज खत्म हो रहा है, उन्हे विदाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सदन और देश के प्रति योगदान की सराहना की। पीएम मोदी ने कहा,"मैं आज डॉ. मनमोहन सिंह को याद करना चाहता हूं, उनका योगदान बहुत बड़ा है... इतने लंबे समय तक उन्होंने जिस तरह से इस सदन और देश का मार्गदर्शन किया है, उसके लिए डॉ. मनमोहन सिंह को हमेशा याद किया जाएगा।"

पीएम मोदी ने कहा, "मुझे याद है कि दूसरे सदन में, मतदान के दौरान, यह पता था कि सत्ता पक्ष जीतेगा, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह अपनी व्हीलचेयर पर आए और अपना वोट डाला। यह एक सदस्य के अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत होने का एक उदाहरण है।" पीएम ने कहा कि सवाल ये नहीं है कि वो किस को ताकत देने आए थे। मैं मानता हूं वो लोकतंत्र को ताकत देने आए थे।"

"सदन हर 2 साल में नई प्राणशक्ति प्राप्त करता है"

राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये सदन हर 2 साल के बाद एक नई प्राणशक्ति और ऊर्जा  प्राप्त करता है। जो हर दो साल में होने वाली विदाई है, वो विदाई एक प्रकार से विदाई नहीं होती है बल्कि वो ऐसी स्मृतियों को यहां छोड़कर जाते हैं जो स्मृतियां आने वाली नई बैच के लिए एक अनमोल विरासत होती हैं। 

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