PM Modi govt 8 years: आज मोदी सरकार के 8 साल पूरे हो गए। इन 8 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई ऐसे बड़े फैसले लिए जिसने देश की छवि ही बदलकर रख दी। कई ऐसे विवादित फैसले जो दशकों तक अटके हुए थे, जिन्हें जानबूझकर लटकाया गया था। जिन विवादित मुद्दों को पिछली सरकारों ने छूने तक की हिम्मत नहीं दिखाई, उन्हें मोदी सरकार ने एक झटके में जड़ से खत्म कर दिया। मोदी सरकार जिस बड़ा फैसले को लेकर सबको चौंका दिया इनमें सबसे अहम फैसला था जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाना।
आपको बताते हैं कि मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बारे में-
हम अक्सर एक नारा सुनते हुए या नारा लगाते हुए बड़े हुए हैं और वो नारा था- ''जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है'' लेकिन 5 अगस्त 2019 से पहले हमारा होते हुए भी कश्मीर पूरी तरह से हमारा नहीं था। इसकी कारण था जम्मू कश्मीर राज्य में लगा हुआ आर्टिकल 370। इसे जम्मू कश्मीर का कलंक कहा जाए तो अतोश्योक्ति नहीं होगी। Article 370 के कारण जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा होते हुए भी पूरी तरह से भारत का नहीं था।
मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर खंडों को समाप्त कर दिया था जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करते थे। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। जम्मू कश्मीर 70 साल तक आर्टिकल 370 की जंजीरों में जकड़ा रहा। 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने कश्मीर को आर्टिकल 370 से मुक्ति दे दी। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर में देश के वो सभी कानून लागू हो गए, जिन्हें 70 साल तक लागू नहीं किया जा सका था। साथ ही जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा हटाकर अब वहां के सरकारी दफ्तरों में तिरंगा लहराने लगा। आर्टिकल 370 की बेड़ी टूटने के साथ ही जम्मू-कश्मीर के लोगों को अब केंद्र सरकार की लाभकारी योजनाओं का भी फायदा मिलने लगा, जिनसे कई सालों तक कश्मीर के लोगों को वंचित रखा गया।
जब लोकसभा में अमित शाह पढ़ रहे थे ऐतिहासिक प्रस्ताव...
5 अगस्त 2019 वो तारीख, जिसने आर्टिकल 370 की लकीर को मिटाकर भारत के इतिहास की एक बेमिसाल गाथा लिख दी। भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा में संविधान के आर्टिकल 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया गया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब इस ऐतिहासिक प्रस्ताव को पढ़ रहे थे तो देश टीवी पर इतिहास को बनते देख रहा था, देश एक सपने को हकीकत का रूप लेते देख रहा था।
आर्टिकल 370 के हटने के बाद कश्मीर आतंक और अलगाववाद के स्थान पर अब विकास और शांति की राह पर निकल पड़ा है। यहां के लोगों को भी देश के दूसरे राज्यों के लोगों की तरह सभी अधिकार मिल चुके हैं।
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