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Hindi News भारत राष्ट्रीय पीएम मोदी ने श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में किए दर्शन, हाथी से आशीर्वाद लिया और सुनी कंबा रामायण

पीएम मोदी ने श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में किए दर्शन, हाथी से आशीर्वाद लिया और सुनी कंबा रामायण

पीएम मोदी ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर के दर्शन किए हैं। इस दौरान उन्होंने एक हाथी का भी आशीर्वाद लिया, जिसकी तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में हाथी, पीएम मोदी के सिर पर अपनी सूंढ़ रखकर आशीर्वाद दे रहा है।

PM Modi Blessed By An elephant- India TV Hindi Image Source : ANI PM मोदी ने हाथी से आशीर्वाद लिया

तिरुचिरापल्ली: पीएम मोदी इस समय तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में हैं। यहां उन्होंने श्री रंगनाथस्वामी मंदिर के दर्शन किए हैं। इस दौरान उन्होंने एक हाथी से भी आशीर्वाद लिया, जिसकी तस्वीर सामने आई है। 

रंगनाथस्वामी मंदिर में किए दर्शन

तिरुचिरापल्ली में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर के पुजारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद भी दिया। इस समय की भी तस्वीरें सामने आई हैं। 

पीएम ने कंबा रामायणम के छंदों को सुना

पीएम मोदी ने तिरुचिरापल्ली के श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में एक विद्वान को कंबा रामायणम के छंदों का पाठ करते हुए सुना। बता दें कि रामायण के बहुत पुराने संस्करणों में से एक कंबा रामायण है, जिसकी रचना 12वीं शताब्दी में तमिल कवि कंबन ने की थी। 

कंबन ने सबसे पहले श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में अपनी रामायण सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत की थी। पीएम उसी स्थान पर बैठे हैं, जहां कंबन ने पहली बार तमिल रामायण गाकर तमिल, तमिलनाडु और श्री राम के बीच गहरे संबंध को मजबूत किया।

पारंपरिक तमिल परिधान पहनकर मंदिर पहुंचे पीएम

पीएम मोदी ने शनिवार को पारंपरिक तमिल परिधान पहनकर श्री रंगम में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की। पीएम ने तमिलनाडु के इस प्राचीन मंदिर में दर्शन के दौरान ‘वेष्टि’ (धोती) और ‘अंगवस्त्रम’ (शॉल) पहना था। उन्होंने भगवान विष्णु के मंदिर में पूजा-अर्चना की और हाथी को भोजन देकर आशीर्वाद लिया। 

मोदी ने इस दौरान श्री रंगनाथस्वामी के दर्शन किए। उन्हें मंदिर के पुजारियों ने 'सदरी' प्रदान की। प्रधानमंत्री ने वैष्णव संत-गुरु श्री रामानुजाचार्य और श्री चक्रथाझवार को समर्पित कई 'सन्नाधि' (देवताओं के लिए अलग-अलग पूजास्थल) में प्रार्थना की। तमिल में इष्टदेव को रंगनाथर के नाम से जाना जाता है। 

श्रीरंगम मंदिर की क्या है खासियत?

श्रीरंगम मंदिर तमिलनाडु का एक प्राचीन वैष्णव मंदिर है और यह संगम युग का है। विभिन्न राजवंशों ने इस मंदिर का निर्माण और विस्तार किया। इस मंदिर के निर्माण में चोल, पांड्या, होयसाल और विजयनगर साम्राज्य के राजाओं ने योगदान दिया है। श्रीरंगम मंदिर कावेरी और कोल्लीदम नदियों के संगम पर एक द्वीप पर स्थित है। 

श्रीरंगम मंदिर को 'बोलोगा वैकुंठम' या 'पृथ्वी पर वैकुंठम' के नाम से भी जाना जाता है। प्रधानमंत्री शनिवार को चेन्नई से यहां पहुंचे और मंदिर जाते समय अपनी कार के पायदान पर खड़े होकर उन्होंने लोगों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं की ओर हाथ हिलाकर उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री इसके बाद रामेश्वर के अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। (इनपुट: भाषा से भी)

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