प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को अपने पूर्वोत्तर दौरे के तहत त्रिपुरा पहुंचे। यहां उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी और ग्रामीण) के तहत दो लाख से ज्यादा लाभार्थियों के लिए 'गृह प्रवेश’ कार्यक्रम की शुरुआत की और कहा कि ‘‘डबल इंजन सरकार’’ कड़ी मेहनत कर रही है, ताकि राज्य के लोग लाभान्वित हों। यहां विवेकानंद मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान त्रिपुरा के सर्वांगीण विकास पर है और शुरू की गई परियोजनाओं से राज्य के विकास को गति मिलेगी।
छोटे राज्यों में सबसे स्वच्छ त्रिपुरा
मोदी ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में स्वच्छता अभियान एक जन आंदोलन बन गया है और इसके परिणामस्वरूप त्रिपुरा देश के छोटे राज्यों में सबसे साफ-स्वच्छ के रूप में उभरा है। त्रिपुरा ने केंद्र सरकार द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में 100 से कम स्थानीय निकाय वाले राज्यों में शीर्ष रैंक हासिल की।
Image Source : ANIप्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी और ग्रामीण) के तहत दो लाख से ज्यादा लाभार्थियों के लिए 'गृह प्रवेश’ कार्यक्रम की शुरुआत की।
त्रिपुरा की महिलाएं हो रही लाभांवित
प्रधानमंत्री ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ त्रिपुरा की महिलाओं को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम-मातृ वंदना योजना के माध्यम से बच्चों की माताओं के बैंक खाते में पैसा आ रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रसव की व्यवस्था है, ताकि मां के साथ-साथ बच्चा भी स्वस्थ रहे।
पीएम ने त्रिपुरा के विकास के रोडमैप की चर्चा की
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा पूर्वोत्तर में व्यापार के नए प्रवेश द्वार के रूप में उभर रहा है, जो थाईलैंड, म्यांमा और अन्य देशों से जुड़ा होगा। मोदी ने कहा, ‘‘डबल इंजन सरकार त्रिपुरा के लोगों की बेहतरी के लिए कड़ी मेहनत कर रही है।’’
पीएम ने जनता से माफी मांगी
मेघालय की राजधानी शिलॉंग से करीब दो घंटे देरी से यहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री ने सभा में उपस्थित लोगों से माफी मांगी। उन्होंने कहा, ''सबसे पहले तो मैं आप सबसे सिर झुकाकर माफी मांगता हूं क्योंकि मुझे आने में करीब दो घंटे देरी हो गई। मैं मेघालय में था, वहां समय जरा ज्यादा गया और मुझे बताया गया कि कुछ लोग 11-12 बजे से बैठे हैं। आप लोगों ने ये जो कष्ट उठाया और आशीर्वाद देने के लिए रुके रहे, मैं आपका जितना आभार व्यक्त करूं उतना कम है। ''प्रधानमंत्री वहां उत्तर पूर्वी परिषद (NEC) की स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने गए थे।
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