नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सरकार 2024 के अंत तक भारत के सड़क ढांचे को अमेरिका के बराबर विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। उच्च सदन में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर साल लगभग 1,50,000 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं और यह आंकड़ा कोविड-19 या किसी भी युद्ध में होने वाली मौतों से अधिक है।
उन्होंने कहा कि सड़क अवसंरचना (रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर) का विस्तार करना ही एकमात्र समस्या नहीं है, बल्कि इसमें सड़क इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग और शिक्षा जैसे अन्य पहलू भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि मोटर ड्राइविंग प्रशिक्षण संस्थानों और अन्य उपायों के सभी अनिवार्य प्रावधानों के बावजूद भारत में ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका है। गडकरी ने सड़क सुरक्षा के बारे में जनता में जागरूकता पैदा करने के लिए और प्रयास करने की मांग की।
भाजपा विधायक किरोड़ी लाल मीणा के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर 'ब्लैक स्पॉट' की पहचान की है और क्षेत्रीय अधिकारियों (आरओ) को सड़क नेटवर्क डिजाइन में तुरंत सुधार करने का अधिकार दिया है।
मंत्री ने यह भी कहा कि आरओ को निर्देश दिया गया है कि यदि एक स्थान पर दो से अधिक दुर्घटनाएं होती हैं, तो वे सड़क के बुनियादी ढांचे में सुधार करेंगे। उन्होंने सदन के सदस्यों से यह भी कहा कि यदि उन्हें अपने क्षेत्रों में ऐसे स्थान मिलते हैं, तो वे संबंधित आरओ को सूचित करें। गडकरी ने कहा कि खराब रोड इंजीनियरिंग भी हादसों के लिए जिम्मेदार है।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं की संख्या और राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाली सड़कों के विस्तार के बारे में कांग्रेस सदस्य एल. हनुमंतैया के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सड़क का विस्तार कोई समस्या नहीं है और सरकार ने कई सौ करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं पर काम शुरू किया है।
इनपुट-आईएएनएस
Latest India News