PFI Raids: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की अगुवाई में कई एजेंसियों द्वारा उसके कार्यालयों, नेताओं के घरों और अन्य परिसरों में छापेमारी के विरोध में 23 सितंबर को हड़ताल का आह्वान किया है। ये छापेमारी देश में आतंकी गतिविधियों का कथित तौर पर समर्थन करने के लिए की गई थी। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रदेश इकाई ने हालांकि इस प्रस्तावित हड़ताल को ‘‘अनावश्यक’’ बताया और राज्य सरकार से इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया।
"राज्य सरकार का PFI के प्रति नरम रुख"
भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख के. सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि पीएफआई द्वारा पूर्व में आहूत सभी हड़ताल में दंगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के प्राधिकारियों को लोगों के जीवन और संपत्ति की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीएफआई बाहुबल के जरिये आतंकवाद के मामलों से निपटने की कोशिश कर रहा है और उसके नेतृत्व से यह ध्यान रखने को कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है न कि एक धार्मिक राष्ट्र। सुरेंद्रन ने एक बयान में कहा कि अनावश्यक हड़ताल के खिलाफ उच्च न्यायालय के कड़े रूख के बावजूद राज्य में वामपंथी सरकार वोट बैंक पर नजर रखते हुए पीएफआई के प्रति नरम रुख दिखा रही है।
PFI ने बताया ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद’
PFI ने यहां एक बयान में कहा कि केन्द्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के विरोध में केरल में शुक्रवार को सुबह से शाम तक की हड़ताल का आह्वान किया गया है। बयान में कहा गया है कि इसकी राज्य समिति ने महसूस किया कि संगठन के नेताओं की गिरफ्तारी ‘राज्य प्रायोजित आतंकवाद’ का हिस्सा थी। पीएफआई के प्रदेश महासचिव ए अब्दुल सत्तार ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नियंत्रण वाली फासीवादी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके असहमति की आवाज को दबाने के प्रयास के खिलाफ राज्य में 23 सितंबर को हड़ताल की जायेगी।’’ उन्होंने कहा कि सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक हड़ताल की जायेगी।
पीएफआई कार्यकर्ताओं का छापे वाली जगहों पर मार्च
सुबह जैसे ही छापों की खबर आयी तो पीएफआई कार्यकर्ताओं ने उन स्थानों की ओर मार्च निकाला, जहां छापे मारे गए और केंद्र तथा उसकी जांच एजेंसियों के खिलाफ नारे लगाए। बहरहाल, ऐसे सभी स्थानों पर पहले ही केंद्रीय बलों की तैनाती की गयी थी। पीएफआई के एक सूत्र ने यहां बताया कि तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोट्टायम, एर्णाकुलम और त्रिशूर समेत लगभग सभी जिलों में विरोध मार्च निकाले गए। सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘छापे मुख्यत: (पीएफआई) प्रदेश और जिला समितियों के कार्यालय तथा उसके पदाधिकारियों के आवास पर मारे गए। हालांकि, शुरुआत में हमें लगा कि प्रवर्तन निदेशालय ने छापे मारे हैं लेकिन बाद में यह स्पष्ट हो गया कि यह एनआईए की कार्रवाई है।’’
14 पदाधिकारियों को हिरासत में लिया गया
सूत्र ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों ने केरल से पीएफआई के राष्ट्रीय, प्रदेश और जिला स्तर के नेताओं समेत 14 पदाधिकारियों को हिरासत में लिया है। उसने बताया कि पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष सी.पी.मोहम्मद बशीर, राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ. एम.ए. सलाम, राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन इलामरम उन व्यक्तियों में शामिल हैं जिन्हें हिरासत में लिया गया है। स्थानीय मीडिया ने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से हिरासत में लिए गए सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को कोच्चि में एनआईए कार्यालय लाया जाएगा।
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