Petrol-Diesel: पेट्रोल पंपों की मनमानी के खिलाफ सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने सभी रीटेल आउटलेट के लिए यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन (USO) लागू किया है। यानी अब पेट्रोल पंप पेट्रोल-डीजल बेचना बंद नहीं कर सकते, फिर वो चाहें प्राइवेट हों या सरकारी। अगर पेट्रोल पंप इस नियम का पालन नहीं करते हैं तो उनका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। बता दें कि देश के कई राज्यों में पेट्रोल पंपों के ड्राई होने की खबरें सामने आई थीं, जिसकी वजह से ग्राहकों को पेट्रोल और डीजल पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी। ऐसे में सरकार ने इस मुद्दे को लेकर एक बड़ा फैसला किया है।
नयारा और रिलायंस ने घाटे की वजह से रोक दी थी सप्लाई
नयारा और रिलायंस जैसी प्राइवेट कंपनियों का कहना था कि उन्हें घाटा हो रहा है। इसी वजह से उन्होंने सप्लाई रोक दी थी। ऐसे में सरकारी पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों की भीड़ जमा होने लगी और सरकारी पंपों को पेट्रोल-डीजल की डिमांड पूरा करना मु्श्किल हो गया।
यही वजह है कि सरकारी पंपों पर भी स्टॉक खत्म होने लगा और पेट्रोल-डीजल पाने के लिए ग्राहकों की लंबी लाइनें सड़कों पर दिखाई देने लगीं।
कितना हो रहा घाटा
HPCL, IOC, BPCL समेत अन्य कंपनियों को पेट्रोल और डीजल पर 15-25 रुपए प्रति लीटर का घाटा उठाना पड़ रहा है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद भी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाए हैं।
हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि देश में पेट्रोल और डीजल की कमी नहीं है। ये जो प्राइवेट कंपनियों ने अपनी सप्लाई रोकी है, उसकी वजह से जनता की डिमांड बढ़ गई है।
क्या है यूएसओ
जो पेट्रोल पंप यूएसओ के तहत आते हैं, उन्हें बिना किसी बहाने के ग्राहकों को पेट्रोल-डीजल देना होगा। इसके अलावा इन पेट्रोल पंपों को सरकार द्वारा निर्धारित स्टाक भी रखना होगा। यानी अब पेट्रोल पंप ग्राहकों को इस बात का बहाना नहीं बना सकेंगे कि उनके पास स्टाक खत्म हो गया है या फिर किसी और वजह से अब ईंधन नहीं मिल सकेगा। यूएसओ का फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा, जो पेट्रोल और डीजल के बिना अपने दिन के काम नहीं निपटा सकते। यानी बिना ईंधन के उनके सारे काम रुक जाते हैं।
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