देश में बढ़ते साइबर अपराध को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रदीप यादव ने याचिका में कहा है कि लोग बड़े पैमाने पर साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के पूर्व जजों से भी ठगी हुई है। याचिका में भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश से की गई साइबर ठगी और वर्तमान चीफ जस्टिस के नाम पर की गई साइबर ठगी का भी हवाला दिया गया है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी बनाने की मांग की है जो साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए सुझाव दे।
सीबीआई की रेड
बता दें कि इसी कड़ी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बीते दिनों धोखाधड़ी की गतिविधियों में शामिल 26 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया था। ये अपराधी दुनियाभर में लोगों को साइबर अपराध का शिकार बनाते थे। सोमवार के दिन जानकारी साझा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन चक्र-3 के तहत गुरुवार की देर रात पुणे, हैदराबाद, अहमदाबाद और विशाखापत्तनम में 32 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान 59.45 लाख रुपये नकद, तीन लग्जरी गाड़ियां और लॉकर की चाबियां बरामद की गई हैं। एजेसी ने जिन स्थानों पर छापमेरी की उनमें से चार कॉल सेंटर पुणे के रीजेंट प्लाजा में स्थिति हैं।
कई लोगों की हुई गिरफ्तारी
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने चार कॉल सेंटरों में ऑनलाइन आपराधिक गतिविधियों में लिप्त 170 लोगों को पकड़ा है। सीबीआई के प्रवक्ता ने बयान देते हुए कहा कि जिन साइबर अपराधियों को इस अभियान में निसाना बनाया गया है, वे कई तरह के अवैध गतिविधियों में शामिल थे। ये तकनीकी सहायता सेवा देने के नाम पर अमेरिका में लोगों से संपर्क साधते थे, जिसकी आड़ में उनके सिस्टम को ये हैक करते और उनसे पैसे ऐंठते हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने-अपने देशों की जांच एजेंसियों की निगरानी में हैं। बता दें कि सीबीआई ने पुणे से 10, हैदराबाद से 5 और विशाखापत्तनम से 11 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
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