आज संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की शुरुआत होने वाली है। राज्यसभा में सुधांशु त्रिवेदी तो लोकसभा में अनुराग ठाकुर चर्चा की शुरुआत करेंगे। बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा की अवधि तय कर दी गई है। दोनों सदन में चर्चा के लिए 21-21 घंटे तय किए गए हैं। संसद के निचले सदन में 21 घंटे तक चर्चा होगी जिसमें बीजेपी को 8 घंटे का समय अलॉट किया गया है।
बीजेपी की तरफ से लोकसभा में अनुराग ठाकुर चर्चा की शुरुआत करेंगे। सदस्य संख्या के लिहाज से देखें तो बीजेपी के एक लोकसभा सदस्य को बोलने के लिए 2 मिनट का समय मिलेगा। इसी फॉर्मूले को कांग्रेस पर लागू किया जाए तो उसे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कुल 3 घंटे 18 मिनट तक का वक्त मिलेगा।
आज संसद में गूंजेगा पेपर लीक का मुद्दा
वहीं, आपको बता दें कि चर्चा के केन्द्र में तो धन्यवाद प्रस्ताव रहेगा लेकिन NEET पेपर लीक पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष अपने सुर मुखर करेगा। सरकार विपक्ष की मंशा पहले ही भांप चुकी है इसलिए शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान NEET पेपर लीक पर होने वाली किसी भी चर्चा का जवाब देने के लिए तैयारी कर चुके हैं। संसद के पहले सत्र में सरकार किसी भी तरह से खुद को बैकफुट पर नहीं दिखाना चाहती इसलिए सत्र के आगाज के साथ ही NEET पेपरलीक पर भी मोदी सरकार फ्रंट फुट पर खेल रही है। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में खुद पेपर लीक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का जिक्र करके बढ़त ले ली है।
NEET पेपरलीक में एक्शन...सरकार फ्रंटफुट पर
चार जून को जिस वक्त देश लोकसभा चुनाव के नतीजों में व्यस्त था उसी वक्त NTA ने NEET का रिजल्ट जारी करके सबको चौंका दिया और जब धांधली की बात सामने आई तो विपक्ष के हाथ मुद्दा लगता चला गया। लेकिन तीसरी बार शपथ लेते ही मोदी सरकार इसे लेकर एक्शन में आ गई। सरकार ने-
- NTA के डीजी सुबोध कुमार सिंह को हटा कर प्रदीप सिंह खरोला को नया डीजी बना दिया।
- पूरे देश में पेपरलीक से जुड़े सभी मामलों की जांच CBI को सौंप दी।
- UGC-NET की परीक्षा रद्द कर दी गई।
- NEET-PG परीक्षा को स्थगित कर दिया गया।
धर्मेंद्र प्रधान ने शपथ लेते ही एंटी पेपर लीक कानून किया लागू
सरकार ने पॉलिसी लेवल पर भी कई बड़े फैसले फौरन कर दिए। शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने शपथ लेते ही एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया। ये कानून इसी साल फरवरी में ही पास हो चुका था।
लोक परीक्षा कानूनू-2024 के मुताबिक-
- पेपर लीक के गुनहगारों को 10 साल तक की सज़ा और 1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है।
- नकल करने पर 3 साल की तक सज़ा और 10 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
- शिक्षण/कोचिंग संस्थान आरोपी हुआ तो उसके प्रबंधक/शिक्षक को 5 से 10 साल की जेल हो सकती है।
NEET पेपर लीक के सबूत सामने आते ही जितनी रफ्तार से विपक्ष हमलावर हुआ है। उसकी दोगुनी तेजी से सरकार ने एक्शन शुरू कर दिया। शिक्षामंत्री के संसद में शपथ लेते वक्त जिस तरह से हूटिंग हुई उससे साफ हो गया कि विपक्ष सरकार को घेरने वाला है इसलिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली।
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