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Hindi News भारत राष्ट्रीय ओलंपिक पदक विजेता स्वप्निल कुसाले की बल्ले-बल्ले, पहले हुई पैसों की बारिश, अब प्रमोशन का भी ऐलान

ओलंपिक पदक विजेता स्वप्निल कुसाले की बल्ले-बल्ले, पहले हुई पैसों की बारिश, अब प्रमोशन का भी ऐलान

पेरिस ओलंपिक में स्वप्निल कुसाले ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का नाम रौशन कर दिया है। अब स्वप्निल को भारतीय रेलवे प्रमोशन देने जा रहा है। स्वप्निल को अब अधिकारी बनाकर ओएसडी का पद दिया जाएगा।

Paris Olympics 2024 Bronze medal winner Swapnil Kusale will promoted on osd from tc in Indian railw- India TV Hindi Image Source : PTI ओलंपिक पदक विजेता स्वप्निल कुसाले की बल्ले-बल्ले

पेरिस ओलंपिक में भारतीय निशानेबाज स्वप्निल कुसाले ने शानदार प्रदर्शन किया और भारत का नाम रौशन किया। 50 मीटर की थ्री पोजिशंस राइफल शूटिंग में पहली बार भारत को उन्होंने ओलंपिक में कांस्य पदक दिलाया है। भारतीय रेलवे ने इसे लेकर खुशी का माहौल है। दरअसल स्वप्निल कुसाले सेंट्रल रेलवे के पुणे डिवीजन में टीसी के पद पर कार्यरत हैं। लेकिन अब ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद स्वप्निल को प्रमोशन मिल चुका है और उन्हें अधिकारी का पद दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक अब स्वप्निल कुसाले को अधिकारी बनाकर OSD का पद दिया जाएगा।

रेलवे देगा स्वप्निल को प्रमोशन

बता दें कि स्वप्निल कुसाले को रेलवे की तरफ से इनामी राशि भी दी जाएगी। वहीं उनके भारत आगमन पर उनके भव्य स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं। बता दें कि क्वालीफिकेशन में सातवें स्थान पर रहें। स्वप्निल ने 8 निशानेबाजों के फाइनल राउंड में 45.4 स्कोर किया औऱ तीसरा स्थान हासिल किया। एक वक्त स्वप्निल छठे नंबर पर चले गए। हालांकि अंत में उन्होंने तीसरा स्थान हासिल कर लिया। भारत का इन खेलों में यह तीसरा कांस्य पदक है। दरअसल निशानेबाजी में इससे पहले 2 बार ब्रॉन्ज मेंडल आ चुका है। इससे पहले मनु भाकर ने और सरबजोत सिंह ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

निशानेबाजी में तीसरी मेडल

भारत के ओलंपिक इतिहास में पहली बार निशानेबाजों ने ती मेडल एक ही खेलों में जीते हैं। स्वप्निल कुसाले ने मेडल जीतने के बाद कहा, आज धड़कने बहुत तेज धड़क रही हैं। मैंने अपनी सांसों पर नियंत्रण रखा और कुछ अलग करने की कोशिश नहीं की। इस स्तर पर सभी खिलाड़ी एक जैसे होते हैं। उन्होंने कहा कि मैं रेलवे के काम के लिए नहीं जाता हूं। भारतीय रेलवे की तरफ से मुझे 365 दिन की छुट्टी दी गई है ताकि मैं देश के लिए अच्छा खेल सकूं। मेरी निजी कोच दीपाली देशपांडे मेरी मां जैसी हैं, जिन्होंने बिना शर्त के मेरी मदद की।

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