'शर्मा जी' बनकर भारत में रह रहा था पाकिस्तान का सिद्दीकी परिवार, एक चूक और 10 साल बाद खुल गई पोल
पाकिस्तान परिवार के सदस्यों ने अपना नाम शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा रखा हुआ था। जब पुलिस गिरफ्तारी के लिए पहुंची तो सिद्दीकी परिवार पैकिंग ही कर रहा था। ये लोग 2018 से बेंगलुरु में रह रहे थे लेकिन एक चूक हुई और परिवार पुलिस के चंगुल में फंस गया।
बेंगलुरु में अवैध रूप से 'शर्मा परिवार' की पहचान के साथ रह रहे पाकिस्तानी परिवार को गिरफ्तार किया है। पाकिस्तान के कराची का राशिद अली सिद्दीकी 'शंकर शर्मा' बनकर अपनी बीवी और सास-ससुर के साथ बेंगलुरु में रह रहा था। पुलिस ने बताया कि संदिग्ध राशिद अली सिद्दीकी, उसकी पत्नी आयशा और उसके पिता हनीफ मोहम्मद और मां रुबीना बेंगलुरु आउटर के राजपुरा गांव में शर्मा परिवार बनकर रह रहे थे। उन्होंने अपना नाम शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा रखा हुआ था।
धर्मांतरण में जुटा था पूरा कुनबा
वह आसपास के हिंदुओं को इस्लाम में कन्वर्ट करने में भी लगा था इसके लिए उसे पाकिस्तान से फंडिंग होती थी। साथ ही बेंगलुरु में रहने वाले कई स्थानीय मुसलमान भी उसकी मदद कर रहे थे फिर अचानक एक चूक हुई और 10 साल बाद उसकी पुरी पोल खुल गई। पुलिस ने चारों के खिलाफ केस दर्ज कर अरेस्ट कर लिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक खुफिया इनपुट के आधार पर चेन्नई एयरपोर्ट से 2 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया था। वे ढाका फ्लाइट पकड़कर चेन्नई पहुंचे थे। उन्होंने पूछताछ में खुद को भारतीय बताया लेकिन जब उनके पासपोर्ट चेक किए गए तो वे फर्जी निकले। इसके बाद उनसे पूछताछ हुई तो बेंगलुरु में चोरी-छुपे रहे ऐसे पाकिस्तानी परिवार का पता चला, हिंदू परिवार के पहचान के साथ वहां रह रहा था।
भागने की फिराक में था परिवार
रविवार को जब पुलिस गिरफ्तारी के लिए पहुंची तो सिद्दीकी परिवार पैकिंग ही कर रहा था। पूछताछ में उसने खुद को शर्मा बताया और कहा कि वे लोग 2018 से बेंगलुरु में रह रहे हैं। जांच के दौरान परिवार के भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड भी पेश किए गए जिसमें उनकी हिंदू पहचान दर्ज है। जब पुलिस घर के अंदर पहुंची तो उन्हें मेहंदी फाउंडेशन इटरनेशनल जश्न-ए-यूनुस दीवार पर लिखा मिला। साथ ही घर में कुछ मौलवियों की तस्वीरें भी थीं।
ढाका में हुई थी शादी
प्रारंभिक जांच के अनुसार राशिद सिद्दीकी की पत्नी बांग्लादेश से है और पहले वे ढाका में थे, जहां उनकी शादी हुई थी। कथित तौर पर यह जोड़ा 2014 में दिल्ली आया था और बाद में 2018 में बेंगलुरु चला गया। गिरफ्तार किए गए दो अन्य लोग उसके ससुराल वाले हैं। रविवार को बेंगलुरु के बाहरी इलाके जिगानी में छापेमारी के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया।
अब नेटवर्क खंगाल रही पुलिस
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमारे जिगानी के निरीक्षक ने इसकी जांच की और मामला दर्ज किया। एक परिवार के चार लोग फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध रूप से यहां रह रहे थे। अब मामला दर्ज कर लिया गया है और उन चार लोगों से पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के नतीजे के आधार पर हम आगे की कार्रवाई करेंगे।" उन्होंने बताया कि वे जिगानी में किराए के मकान में रह रहे थे। उन्होंने फर्जी नामों से पहचान पत्र बनवाए हैं। पुलिस गिरफ्तार किए गए व्यक्ति से उसके नेटवर्क और गतिविधियों के बारे में पूछताछ कर रही है। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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