नई दिल्ली: पाकिस्तान ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन से रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग वाले एक प्रस्ताव से अपनी दूरी बनाए रखी। डॉन की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। इस मुद्दे पर किसी का पक्ष न लेने की कोशिश कर रहा पाकिस्तान दोनों सत्रों से दूर रहा। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य के रूप में, पाकिस्तान यूएनजीए बहस में भाग ले सकता है, जो मंगलवार को दूसरे दिन में प्रवेश कर गया, लेकिन अभी तक उसने ऐसा करने से परहेज किया है।
संकेत हैं कि पाकिस्तान उस विवाद में शामिल होने से बचना चाहता है जो उसे असहज स्थिति में डालता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान एक पारंपरिक अमेरिकी सहयोगी है, जिसने कभी वाशिंगटन को चीन तक पहुंचने के लिए एक गलियारा प्रदान किया था। चीन पाकिस्तान का सबसे करीबी सहयोगी है, जो संयुक्त राष्ट्र और एफएटीएफ जैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर इस्लामाबाद का समर्थन करता है।
वॉशिंगटन में राजनयिक पर्यवेक्षकों का दावा है कि पिछले सप्ताह पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की रूस यात्रा की व्यवस्था करने में चीन ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पर्यवेक्षकों का तर्क है कि पाकिस्तान धीरे-धीरे अमेरिकी प्रभाव से बाहर हो रहा है और चीन और रूस दोनों के करीब आ रहा है।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का कहना है कि वह चीन और अमेरिका दोनों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखना चाहता है और जाहिर तौर पर यही वजह है कि वह यूक्रेन के विवाद में शामिल नहीं होना चाहता।
(इनपुट- एजेंसी)
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