भारत ने शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो को भेजा न्योता, तो पाकिस्तानी मंत्री हिना रब्बानी ने ये क्या कह दिया?
गोवा में होने वाले SCO सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के जरिये पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल को न्योता भेजा है। ये सम्मेलन मई में होना है।
नई दिल्ली: भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को न्योता भेजा है। लेकिन इस पर पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार ने बड़ा बयान दिया है। हिना रब्बानी ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच कोई बैकचैनल डिप्लोमेसी नहीं चल रही है। हिना रब्बानी खार का ये बयान अहम माना जा रहा है।
पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री का बड़ा बयान
पाकिस्तान की संसद में सीनेट के सत्र के दौरान हिना रब्बानी ने कहा, ''जब से शहबाज शरीफ की सरकार पाकिस्तान में आई है तब से भारत से किसी तरह की बैकचैनल बातचीत नहीं हुई है। मेरा मानना है कि पिछली सरकारों के दौरान ऐसा होता होगा। आप बातें कुछ और करें और पीछे कुछ और करें ये किसी देश को शोभा नहीं देता।'' उन्होंने आगे कहा, ''अगर बैकचैनल कूटनीति से किसी तरह का फायदा होता हो तो जरूर होनी चाहिए...लेकिन इस वक्त किसी तरह की बैकचैनल कूटनीति नहीं हो रही।'' उनका यह बयान भारत की तरफ से पाकिस्तान के शंघाई सहयोग संगठन में निमंत्रण भेजे जाने के ठीक एक दिन बाद आया है।
भारत के न्योते पर पाकिस्तान के जवाब का इंतजार
गोवा में होने वाले SCO सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के जरिये पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी और मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल को न्योता भेजा है। ये सम्मेलन मई में होना है। ये निमंत्रण निर्धारित प्रक्रिया के तहत भेजे गए हैं लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो सम्मेलन में शामिल होंगे या नहीं। हालांकि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा है कि भारत की तरफ से आए न्योते की समीक्षा की जा रही है और विचार विमर्श के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।
2011 में हिना रब्बानी ने किया था भारत का दौरा
आपको बता दें कि अगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लेने का फैसला लेते हैं, तो यह 2011 के बाद से इस्लामाबाद की तरफ से भारत की पहली ऐसी यात्रा होगी। इससे पहले पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने 2011 में भारत का दौरा किया था।
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बेहद खास है पाकिस्तान को भारत का यह न्योता
इसके बाद फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था जिसके बाद दोनों देशों के बीच बातचीत से लेकर व्यापार भी पूरी तरह बंद हो गया। भारत पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों में अब तक के सबसे निचले स्तर को देखते हुए पाकिस्तान को भारत का यह न्योता बेहद खास है।