पैसा ही अमीर होने की पहचान नहीं है, बल्कि आपका चरित्र और संस्कार भी आपको अमीर बनाते हैं। इससे संबंधित एक अनोखी और प्रेरित करने वाली कहानी दिल्ली में देखने को मिली है। दरअसल एक रिक्शा चालक के परिजनों ने एक अनोखी मिसाल पेश की है। केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा लगातार अंगदान महादान का अभियान चलाया जाता रहा है। साथ ही डॉक्टरों द्वारा भी लोगों को अंगदान करने के लिए प्रेरित किया जाता है। नई दिल्ली के ओखला में रहने वाले 48 वर्षीय रिक्शा चालक के परिजनों ने अंगदान कर चार लोगों को नई जिंदगी दी है।
रिक्शा चालक की मौत से बचीं 4 जिंदगियां
दरअसल नई दिल्ली के ओखला में रहने वाले 48 वर्षीय रिक्शा चालक सुरेश कुमार की मृत्यु 23 अगस्त की रात एक सड़क हादसे में हो गई। इस घटना के बाद उन्हें जब इलाज के लिए एम्स के ट्ऱॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। यहां सुरेश कुमार को डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया। डॉक्टरों द्वारा इस बात की जानकारी रिक्शा चालक की पत्नी और दो बेटों को दी गई। जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने उन्हें अंगदान के बारे में बताया और कहा कि अंगदान से अन्य कई लोगों की जिंदगिया बचाई जा सकती हैं।
अंगदान कर दिया जीवनदान
जब मृतक के परिजनों को यह पता चला कि अंग प्रत्यारोपण के जरिए अन्य कई लोगों की जान बचाई जा सकती है, तो वे अंगदान के लिए राजी हो गए। ऐसे में सुरेश के दिल, दोनों किडनी और कॉर्निया को सुरक्षित बाहर निकाला गया और उनके दिल्ली को एम्स में भर्ती एक मरीज में ट्रांसप्लांट किया गया। साथ ही किडनी को एम्स में ही सेना के रिसर्च एवं रेफरल अस्पताल में भर्ती एक मरीज में प्रत्यारोपित किया गया। उनकी आंखों की कार्निया को दो मरीजों को ट्रांसप्लांट किया गया है। सुरेश की मृत्यु ने 4 लोगों को नई जिंदगी दी है।
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