नई दिल्ली: अडानी मामले को लेकर संसद के दोनों सदनों में सोमवार को भारी हंगामा हुआ था, जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस बीच सूत्रों के हवाले से ये खबर मिली है कि विपक्ष संसदीय बहस में शामिल होने के लिए तैयार है लेकिन आम आदमी पार्टी इस चर्चा में शामिल नहीं होगी। ऐसे में माना जा रहा है कि विपक्ष ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है।
संसद भवन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में विपक्षी दलों की बैठक में 15 राजनीतिक दलों ने भाग लिया है। इसमें कांग्रेस, डीएमके, सपा, राजद, जदयू, आप, सीपीएम, सीपीआई, एनसीपी, एसएस, आईयूएमएल, एनसी, आरएसपी, केरल कांग्रेस और वीसीके हैं।
सोमवार को क्या हुआ था?
अडानी मामले को लेकर विपक्ष ने सड़क से लेकर संसद तक प्रदर्शन किया था। विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा किया था, जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। दरअसल इस मामले को लेकर विपक्षी पार्टियां कई तरह के सवाल उठा रही थीं।
सपा सांसद रामगोपाल यादव ने इस मुद्दे पर कहा था, 'हम चाहते हैं कि अडानी के जो शेयर्स SBI और LIC ने खरीदे उसकी JPC के जरिए जांच हो। ये पैसा क्यों दिया गया, किन शर्तों पर दिया गया इसकी जांच होना जरूरी है। इन पर दबाव किसका था? जब तक JPC के जरिए जांच नहीं होगी तब तक इसका पता नहीं चलेगा इसलिए जांच होनी चाहिए।'
RJD सांसद मनोज झा ने कहा था, 'देश का हर वर्ग चिंतित है लेकिन सरकार पर्दा डाल रही है। वे व्यक्ति विशेष(अडानी) कहते हैं, यह मुझ पर नहीं राष्ट्र पर हमला है, वह राष्ट्र कब से हो गए? हमारे राष्ट्र बापू हैं। किसी क्रोनी पूंजीपति के चरणों में पूरी साख रख दी जाए तो हम इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।'
कांग्रेल सांसद केसी वेणूगोपाल ने कहा था, 'हम ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी(JPC) जांच चाहते हैं, सरकार हर चीज को छिपाना चाहती है। सरकार की पोल खुल गई है।'
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