ऑपरेशन ध्वस्त: 8 राज्यों में 324 जगहों पर एनआईए के छापे, आतंकी-गैंगस्टर गठजोड़ पर करारा प्रहार
पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, चंडीगढ़ और मध्य प्रदेश में चलाए गए ऑपरेशन ध्वस्त के दौरान कई संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है।
नई दिल्ली: एनआईए ने गैंगस्टर-ड्रग्स तस्करों के गठजोड़ पर करारा प्रहार करते हुए ऑपरेशन ध्वस्त के तहत देश के 8 राज्यों में 324 जगहों पर छापेमारी की है। इस कार्रवाई में आपत्तिजनक सामग्री के अलावा भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया गया। छापे में एनआई ने पंजाब पुलिस और हरियाणा पुलिस के साथ ही संबंधित राज्यों की पुलिस का भी सहयोग लिया। पंजाब, दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, चंडीगढ़ और मध्य प्रदेश में चलाए गए ऑपरेशन ध्वस्त के दौरान कई संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है।
पंजाब में 17 जिलों में 143 जगहों पर छापे
सुबह साढ़े पांच बजे एक साथ शुरू हुए इस ऑपरेशन में पंजाब पुलिस ने 17 जिलों में 143 जगहों पर तलाशी शुरू की जबकि हरियाणा पुलिस ने 10 जिलों में 52 जगहों पर छापे मारे। दिन भर चले इस ऑपरेशन का मकसद लॉरेंस बिश्नोई, छेनू पहलवान, दीपक तीतर, भूपी राणा, विकास लगरपुरिया, आशीष चौधरी, गुरप्रीत सेखों, दिलप्रीत बाबा, हरसिमरत सिम्मा, अनुराधा जैसे खूंखार गैंगस्टरों के अलावा एक नामित आतंकवादी अर्श दल्ला के आतंकी गठजोड़ को तोड़ना था।
छापे का फोकस हथियार आपूर्तिकर्ता,फाइनेंसरों, लॉजिस्टिक प्रदान करनेवालों और हवाला ऑपरेटरों पर था जो पाकिस्तान और कनाडा जैसे अन्य देशों के ड्रग तस्करों और आतंकवादियों के साथ काम करने वाले कट्टर गिरोहों से जुड़े थे। छापेमारी करनेवाली टीमों ने 60 मोबाइल फोन, 5 डीवीआर, 20 सिम कार्ड, 1 हार्ड डिस्क, 1 पेन ड्राइव, 1 डोंगल, 1 वाईफाई राउटर, एक डिजिटल घड़ी के अलावा 1 पिस्टल,दो मेमोरी कार्ड, 75 दस्तावेज और रु. 39, 60,000 रु. कैश बरामद किया है।
अगस्त 2022 से टारगेटेड किलिंग, खालिस्तान समर्थक संगठनों को फंडिंग, जबरन वसूली आदि से संबंधित तीन मामले दर्ज करने के बाद एनआईए द्वारा इस तरह की कार्रवाई शुरू की गई थी। पिछले साल महाराष्ट्र में बिल्डर संजय बियानी की हत्या और अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अम्बिया की पंजाब में हुई हत्या इसी गठजोड़ का परिणाम था।
जेलों में रची जा रही थीं साजिशें
एनआईए की जांच से पता चला है कि गैंगस्टर्स और आतंकी गठजोड़ द्वारा विभिन्न राज्यों की जेलों में साजिशें रची जा रही थीं और विदेशों में स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा इसे अंजाम दिया जा रहा था। कई जेलों में गैंगवार और अन्य घटनाओं की तह में जाने के बाद जांच एजेंसियों का ध्यान इस नेटवर्क पर गया। इस गठजोड़ के चलते हाल में तिहाड़ जेल में हिंसा और हत्या की घटनाएं हुईं।
एनआईए ने जांच में पाया कि कई अपराधी गैंग जो लीड कर रहे थे वे पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भाग गए। वे विदेशों में बैठकर देशभर की जेलों में बंद अपराधियों के साथ मिलकर गंभीर अपराधों की प्लानिंग करने में लगे हुए थे। यह ग्रुप ड्रग्स और हथियारों की तस्करी, हवाला, जबरन वसूली और टारगेटेड किलिंग कर रहे थे साथ ही अपनी नापाक गतिविधियों के लिए धन जुटा रहे थे।