Operation Blue Star: ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर पंजाब के अमृतसर में भारी संख्या में पुलिस और जवान तैनात किए गए हैं। अमृतसर में कट्टरपंथी संगठनों ने आज बंद का भी आह्वान किया है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद होने की वजह से कोई अनहोनी नहीं हुई। आज का प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से खत्म हुआ है। हालांकि इस दौरान कुछ लोगों ने खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
श्री अकाल तख्त साहिब जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने आज बरसी के मौके पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'हम अपने लोगों को खुलेआम शस्त्रों की ट्रेनिंग देंगे। बाकी लोग छुपकर ट्रेनिंग देते हैं, इस बात को कहने में मुझे कोई हर्ज नहीं है।'
जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने ये भी कहा, 'उस समय रशिया ने भारत का साथ दिया, जब 1984 और ऑपरेशन ब्लूस्टार (Operation Blue Star) का साथ दिया। वो भी आज खत्म हो गया है। आज हर गांव में चर्च और मस्जिद बन रही है। हमें अपने धर्म का प्रचार करना है, नहीं तो हम धर्म से दूर हो जाएंगे।'
अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर जमा हुए थे लोग
सोमवार को ऑपरेशन ब्लू स्टार (Operation Blue Star) की बरसी पर कई लोग अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के बाहर जमा हुए और खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की। हालांकि पुलिस फोर्स की तैनाती की वजह से कोई अनहोनी नहीं हुई। इस दौरान कई लोगों के हाथों में जरनैल भिंडरावाले के पोस्टर, बैनर और तस्वीरें भी नजर आईं।
क्या है ऑपरेशन ब्लू स्टार
जून का महीना सिख समुदाय को बड़े जख्मों की याद दिलाता है। इसी महीने में स्वर्ण मंदिर में सेना का ऑपरेशन ब्लूस्टार (Operation Blue Star) चलाया गया था। सेना ने जून 1984 में स्वर्ण मंदिर परिसर से आतंकियों को बाहर निकालने के लिए 'ऑपरेशन ब्लूस्टार' चलाया था। इस दौरान भीषण गोलीबारी हुई थी और अकाल तख्त को भारी नुकसान हुआ था। ये एक ऐसा मौका था, जब हरमंदिर साहिब में गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ नहीं हो पाया था।
1 जून से 8 जून 1984 के बीच चलाए गए इस ऑपरेशन में कई जानें गई थीं। इस दौरान स्वर्ण मंदिर का कुछ हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हुआ था। ऑपरेशन ब्लूस्टार के बाद ही तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी, जिसके बाद देश में दंगे भड़क गए थे। इन दंगों में लगभग 3,000 सिख मारे गए थे।
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