नई दिल्ली: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 1989 के रेलवे अधिनियम के साथ 1905 के भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम को एकीकृत करने के प्रावधान वाला एक विधेयक बुधवार को लोकसभा में पेश किया और कहा कि इसके पारित होने से रेलवे की क्षमता में इजाफा होगा। वैष्णव ने ‘रेल संशोधन विधेयक, 2024’ को सदन में चर्चा और पारित करने के लिए पेश किया। उन्होंने कहा कि रेलवे शुरुआत में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का एक अंग होता था और 1905 में इसे पीडब्ल्यूडी से अलग कर नया रेलवे बोर्ड बनाया गया।
क्यों लाया गया यह विधेयक, वैष्णव ने बताया
वैष्णव ने कहा कि 1989 में नया रेलवे अधिनियम कानून लाया गया, लेकिन उसमें 1905 के रेलवे बोर्ड कानून को एकीकृत नहीं किया गया जो कि उसी समय किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे अधिनियम 1989 में भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम 1905 को एकीकृत करने के लिए ही यह विधेयक लाया गया है। इस विधेयक के पारित होने से रेलवे की क्षमता और विकास में इजाफा होगा।’’ वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 साल में रेलवे ने बहुत विकास किया है।
10 हजार नए डिब्बे जोड़ने की योजना
वैष्णव ने बताया कि गरीब यात्रियों के लिए इस महीने के अंत तक रेलगाड़ियों में एक हजार सामान्य कोच जोड़े जाएंगे और कुल मिलाकर 10 हजार नए डिब्बे जोड़ने का कार्यक्रम है। इससे लाखों लोगों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में रेलवे का बजट बढ़ा है, रेलवे का विद्युतीकरण बढ़ा है तथा इसका नेटवर्क भी तेजी से बढ़ रहा है। वैष्णव ने कहा कि मोदी सरकार ने रेलवे में सुरक्षा पर भी ध्यान दिया है और उसी का परिणाम है कि जहां संप्रग सरकार के समय एक साल में औसतन 153 रेल हादसे होते थे, वहीं पिछले साल 40 रेल दुर्घटनाएं सामने आईं और इस साल अब तक 29 रेल हादसे दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि रेल हादसों को और कम करने के लिए ध्यान दिया जा रहा है।
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