नई दिल्ली। भारत में बुधवार को 12 से 14 साल की उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू होने के साथ ही पहले दिन इस आयु वर्ग के 2.6 लाख से अधिक किशोर-किशोरियों कोविड वैक्सीन की पहली खुराक लगाई गई। इस आयु वर्ग के लिए कोविड-19 टीकाकरण तब शुरू हुआ, जब देश ने राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया। इस बीच, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लाभार्थियों की पहचान कर एहतियाती खुराक लगाई गई। अब तक 2.15 करोड़ से अधिक लोगों को एहतियाती खुराक लगाई गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बुधवार देर रात तक अंतिम रिपोर्ट के संकलन के साथ रोजाना टीकाकरण की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। गौरतलब है कि इस आयु वर्ग के लाभार्थियों को केवल हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल-ई द्वारा विकसित कोर्बेवैक्स टीका लगाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने राज्यों से निर्धारित केंद्रों पर समर्पित कोविड-19 टीकाकरण सत्र आयोजित करने और टीका लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देने के लिए कहा है, ताकि बच्चों के टीकाकरण के दौरान टीकों के मिश्रण से बचा जा सके।
बता दें कि केंद्र ने सभी राज्यों से स्पष्ट कहा है कि 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को टीकाकरण में शामिल नहीं किया जा सकता है। टीका देने से पहले उक्त केंद्र के मुख्य अधिकारी की यह जिम्मेदारी होगी कि उम्र संबंधी दस्तावेज की जांच करने के बाद ही बच्चे का टीकाकरण किया जाए। मार्च 2022 तक इनकी आयु 12 से 14 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, “12 से 14 साल के बच्चों के टीकाकरण के दौरान टीकों का मिश्रण न हो, यह सुनिश्चत करने के लिए टीका लगाने वालों और टीकाकरण टीम को प्रशिक्षण देने की जरूरत है।” उन्होंने राज्यों से कहा है कि विशेष टीकाकरण केंद्र बनाए जाएं जहां सिर्फ इस उम्र के बच्चों को ही वैक्सीन के डोज दिए जाएं।
इनपुट:आईएएनएस
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