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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'धर्म, समाज और राष्ट्र से बड़ा कोई भी जगद्गुरु नहीं', शंकराचार्य के बयान पर बोले महंत नारायण गिरि

'धर्म, समाज और राष्ट्र से बड़ा कोई भी जगद्गुरु नहीं', शंकराचार्य के बयान पर बोले महंत नारायण गिरि

महंत नारायण गिरि ने आज शंकराचार्य के विश्वासघात वाले बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि साधु संत का काम पूजा पाठ और अनुष्ठान करना है। शंकराचार्य को ऐसे बयान नहीं देना चाहिए। चुनाव में हार या जीत तो जनता तय करती है।

महंत नारायण गिरि - India TV Hindi Image Source : SCREENGRAB पंचनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता महंत नारायण गिरि

शंकराचार्य के उद्धव ठाकरे के साथ विश्वासघात वाले बयान पर आज महंत नारायण गिरि ने पलटवार किया है। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि जगद्गुरु शंकराचार्य किसी सामान्य या आम व्यक्ति के घर नहीं जाते बल्कि बड़े-बड़े लोगों की शादी में व घर जाते हैं। उद्धव ने पूरे हिन्दू समाज को धोखा दिया है और धर्म, समाज और राष्ट्र से बड़ा कोई भी जगद्गुरु नहीं हो सकता। बता दें कि महंत नारायण गिरि पंचनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता हैं।

'सामान्य व्यक्ति के घर नहीं जाते बल्कि...'

महंत नारायण गिरि ने शंकराचार्य के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जगद्गुरु शंकराचार्य किसी सामान्य व्यक्ति के घर नहीं जाते बल्कि बड़े लोगों की शादी या उद्योगपतियों के घर जाते हैं, वहीं,विश्वासघात वाले बयान पर कहा कि उद्धव ठाकरे ने देवेन्द्र फड़णवीस को धोखा दिया है और अपने पिताजी बालासाहेब ठाकरे के विचारों के विपरीत जाकर निधर्मी के साथ चले गए और उनका साथ दिया। इस कारण उद्धव ठाकरे ने पूरे हिन्दू समाज को धोखा दिया है और धर्म, समाज और राष्ट्र से बड़ा कोई भी जगद्गुरु नहीं हो सकता।

'साधु संत का काम पूजा पाठ'

नारायण गिरि ने आगे शंकराचार्य पर हमला करते हुए कहा कि साधु संत का काम पूजा पाठ और अनुष्ठान करना है। चुनाव में हार या जीत तो जनता तय करती है। उद्धव ठाकरे ने हिन्दू समाज के साथ धोखा किया है जिन्होंने हिन्दू समाज के धोखा किया है उनके घर जाकर शंकराचार्य ने आशीर्वाद देना उचित नहीं है।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि बीते दिन ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मातोश्री में उद्धव ठाकरे और उनके परिवार से मुलाकात की और इसके बाद मीडिया के सामने एक बड़ा बयान दिया। शंकराचार्य ने कहा कि उद्धव के साथ विश्वासघात हुआ, हम हिंदू धर्म को मानते हैं। हम पुण्य और पाप में विश्वास करते हैं और विश्वासघात को सबसे बड़ा पाप कहा जाता है, यही उद्धव ठाकरे के साथ हुआ है। उन्होंने मुझे आमंत्रित किया था। इस कारण मैं यहां (मातोश्री) आया। उन्होंने स्वागत किया, हमने उनसे कहा कि उनके साथ हुए विश्वासघात से हमें दुख है और जब तक वे दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाते, हमारा दुख दूर नहीं होगा। बता दें कि शंकराचार्य का इशारा उद्धव ठाकरे को बगावत के जरिए महाराष्ट्र सीएम पद से हटाने जाने की तरफ था।

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