नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कई बार कुछ ऐसा हो जाता है कि जज समेत पूरा कोर्ट रूम भौचक्का रह जाता है। ऐसा ही कुछ पिछले दिनों एक मामले की सुनवाई के दौरान हुआ। कोर्ट में एक बच्चे की हत्या के मामले में सुनवाई चल रही थी। तभी अचानक से एक 11 साल बच्चा आता है और बताता है कि वह जिंदा है और यह पूरा मामला ही गलत है। इसके बाद पूरी कोर्ट भौचक्की रह जाती है।
दरअसल यह मामला उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का है। यहां एक पिता ने अपने बच्चे की हत्या को लेकर उसके नाना और चार मामा पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पिता ने दावा किया था कि इन्होंने उसके बेटे की हत्या कर दी है। इसके बाद पीलीभीत पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। इस शिकायत के खिलाफ बच्चे के नाना इलाहबाद हाई कोर्ट भी गए, लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली।
जानिए क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लड़का फरवरी 2013 से पाने नाना के साथ रह रहा था। लड़के का पिता उसकी मां को बेरहमी से पीटता था और परिवार से अधिक दहेज की मांग कर रहा था। इस दौरान साल 2013 में बच्चे की मां की मौत हो गई। जिसके बाद वह अपने नाना के साथ रहने लगा। वहीं मां की मौत के बाद उसके नाना ने अपने दामाद के खिलाफ आईपीसी की धारा 304-बी (दहेज हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी। इस बीच दामाद ने अपने बेटे की कस्टडी की मांग की थी, जिसके चलते दोनों परिवारों के बीच कानूनी लड़ाई शुरू हो गई।
पिता ने मामाओं और नाना पर हत्या का केस दर्ज कराया
वहीं इस साल की शुरुआत में बच्चे के पिता ने नाना और चार मामाओं पर अपने बेटे की हत्या की हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस ने पिता की शिकायत पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 504 (जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया। जिसके बाद वह लोग इलाहाबाद हाई कोर्ट गए, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान बच्चे को लाना पड़ा।
कोर्ट ने सरकार और जिला पुलिस अधिकारी को जारी किया नोटिस
वहीं अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार, पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधिकारी भी नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई जनवरी 2024 में होगी। सुनवाई के दौरान बच्चे ने दावा किया कि उसके पिता ने उसके नाना और मामाओं को उसकी हत्या के मामले में फंसाया है। उसने कहा कि केस झूठा है और वह जिंदा है।
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