नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट Omicron को लेकर पूरी दुनिया आशंकित है। इस वेरिएंट को लेकर ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि बच्चों के लिए यह खतरनाक साबित हो सकती है। Omicron के बढ़ते मामलों पर जवाहर लाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER) के निदेशक डॉ. राकेश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना वायरस का यह वेरिएंट बहुत तेजी से फैलता है लेकिन अब तक यह बहुत गंभीर बीमारी का कारण नहीं बना है। डॉ. राकेश अग्रवाल इंडियन मेडिकल साइंस का एक जाना माना नाम है।
डॉ. राकेश अग्रवाल ने कहा, "Omicron बहुत तेजी से फैलता है लेकिन अब तक यह बहुत गंभीर बीमारी का कारण नहीं बना है। हमें सतर्क रहने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मास्क पहनने, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने जैसी सावधानियां बरतने की जरूरत है।"
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इस पर टीकाकरण के क्षेत्र के विशेषज्ञ नजर रखे हुए हैं। अब तक, ऐसा प्रतीत होता है कि देश में बूस्टर की ज्यादा भूमिका नहीं है क्योंकि हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा वायरस के संपर्क में था और टीके भी ले चुका है।
वहीं, डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ये 77 देशों में अब तक फैल चुका है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस ए घेब्रेयसस ने कहा है कि Omicron की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या और मृत्यु दर में तेजी आएगी। ये अधिकांश देशों में फैल चुका है, भले ही इसका पता नहीं चला हो।
डब्ल्यूएचओ ने Omicron पर एक और चौकाने वाली बात कहा है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि जिस तरह से यह फैल रहा है हमने अभी तक कोई भी वेरिएंट को इतनी तेजी के साथ फैलते नहीं देखा। डब्ल्यूएचओ ने कहा, "कोरोना वायरस का Omicron वेरिएंट इतनी तेजी से फैल रहा है, जितना पहले किसी अन्य वेरिएंट में नहीं देखा गया।" डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से Omicron को रेकने के लिए उचित कदम उठाने की अपील की है। स्वास्थ्य संगठन ने इस बात की भी चिंता जताई है कि अकेले वैक्सीनेशन से कोई भी देश इस संकट से बाहर नहीं निकल सकता है।
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