Omicron variant in India: भारत में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की एंट्री हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को बताया कि 29 देशों में ओमिक्रोन के 373 मामले अब तक दर्ज़ किए गए हैं वहीं भारत में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के 2 मामले सामने आए हैं। कर्नाटक में ओमिक्रॉन वैरिएंट के 2 मामले सामने आए हैं। लव अग्रवाल ने बताया कि 24 घंटे के अंदर हमारे देश में कर्नाटक में 2 मामले Omicron से संक्रमित दर्ज किए गए हैं। उसमें से एक केस 66 वर्षीय पुरुष हैं और दूसरे 46 वर्षीय पुरुष। हमारे नेटवर्क ने उनको समय पर डिटेक्ट किया है, जितने भी उनके प्राइमरी तथा सेकेंडरी कॉन्टेक्ट हैं उनको ट्रेस कर लिया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में दो राज्य ऐसे हैं जहां 10,000 से अधिक सक्रिय मामले हैं। वह केरल और महाराष्ट्र हैं। 44,000 सक्रिय मामले केरल और 11,000 मामले महाराष्ट्र में हैं। कोविड के 55% मामले देश में इन्हीं दो राज्यों से आ रहे हैं। अग्रवाल ने बताया कि देश में इस वक़्त कोविड के 99,763 सक्रिय मामलों की संख्या है। पिछले 24 घंटे में देश में कोविड के 9,765 नए मामले सामने आए हैं। लव अग्रवाल ने कहा कि इस वायरस से बचाव के लिए हमें कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा। लव अग्रवाल ने कहा कि कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के बारे में बहुत से तथ्य विज्ञान के द्वारा सामने आने वाले हैं। भविष्य में जो भी निर्णय लिए जाए वे सभी निर्णय वैज्ञानिक तथ्यों के सामने आने के बाद ही लिए जाने चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने आगे बताया कि विश्व में अभी भी कोविड के मामलों में तेजी देखी जा रही है। पिछले एक हफ्ते में दुनिया में 70% मामले यूरोप से आए हैं। एक हफ्ते में यूरोप में 2.75 लाख कोविड मामले आए और 29,000 से अधिक मृत्यु एक हफ्ते में यूरोप में दर्ज़ की गई। देश में हम अब तक लोगों को 125 करोड़ से ज़्यादा कोविड वैक्सीन की डोज़ लगा चुके हैं। 84.3% लोगों को वैक्सीन की पहली डोज़ और 45.92% लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुके हैं।
कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) का खतरा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट कम से कम 23 देशों में फैल चुका है और इसके अन्य देशों को प्रभावित करने की भी पूरी आशंका है। WHO के अनुसार यूरोप में कोरोना प्रोटोकोल में ढील दी गयी और नियमों का सही ढंग से पालन नहीं किया जिसकी वजह से वहां संक्रमण और मौत ज्यादा हुए हैं।
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