चेन्नई: तमिलनाडु में कई डॉक्टर कथित तौर पर कोरोना वायरस वैक्सीन की बूस्टर डोज ले रहे हैं, लेकिन इस डोज को डॉक्टर सरकार की अनुमति के बिना ले रहे हैं, जिसे उन्होंने अभी तक मंजूरी नहीं दी है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि कई डॉक्टर निजी अस्पतालों से बूस्टर डोज ले रहे हैं, जबकि कुछ डॉक्टर खुद सरकारी अस्पतालों से यह डोज ले रहे हैं।
चेन्नई के एक निजी अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा "कोविड के नए वैरिएंट को देखते हुए बीमारी से बचने के लिए सिर्फ टीके की दूसरी डोज लाभदायक नहीं है, बूस्टर डोज लोगों के लिए कारगार साबित हो सकती है।"
राज्य के जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ. टीएस. सेल्वाविनायगम ने आईएएनएस को बताया कि केंद्र सरकार ने टीके की केवल दो डोज को मंजूरी दी है और अधिक डोज लेना भारत सरकार के मानदंडों का उल्लंघन करना होगा। दूसरी ओर, डॉक्टरों का कहना है कि वे लंबे समय से सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने आईएएनएस को बताया, "हमने बूस्टर डोज के लिए सरकार की मंजूरी का काफी लंबे समय तक इंतजार किया था। हमारे अनेक सहयोगी डाक्टर उक्त रक्तचाप, मधुमेह और अन्य रोग से पीड़ित हैं, जिससे उन्हें इस डोज की आवश्यकता है।"
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा किए गए इम्यूनोलॉजी अध्ययनों से यह भी पता चला है कि मिश्रित टीकों का शरीर में बेहतर प्रभाव होता है।
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