नयी दिल्ली: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट Omicron ने एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस वेरिएंट की संक्रामकता और फैलने की रफ्तार को लेकर लगातार डराने वाले दावे किए जा रहे हैं। इसी बीच सरकार ने कहा है कि भारत में अब तक इस वेरिएंट के 25 मामलों का पता चला है और सभी मामलों में मुख्य रूप से हल्के लक्षण देखे गए हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, चिकित्सकीय रूप से, Omicron अभी तक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर बोझ नहीं डाल रहा है, लेकिन सतर्कता बनाए रखनी होगी।
महामारी पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सरकार ने कहा कि भारत में Omicron वेरिएंट के अब तक 25 मामले सामने आ चुके हैं। राजस्थान में नौ, गुजरात में तीन, महाराष्ट्र में 10, कर्नाटक में दो और दिल्ली में एक व्यक्ति में इस संक्रमण की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ‘‘अब तक Omicron वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में मुख्य रूप से हल्के लक्षण देखे गए हैं।’’
सरकार के मुताबिक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह रेखांकित किया है कि वैक्सीनेशन दर में वृद्धि के साथ विश्व स्तर पर लोक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों का अनुपालन कम हो रहा है। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि सरकार को अभी तक कोविड-19 के खिलाफ बच्चों को वैक्सीन देने के लिए वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) से कोई सिफारिश नहीं मिली है।
बता दें कि देश में 86.2 प्रतिशत वयस्कों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है, 53.5 प्रतिशत को दोनों खुराक दी जा चुकी हैं। देश के 19 जिलों में कोविड-19 की साप्ताहिक संक्रमण दर पांच से 10 प्रतिशत के बीच है जबकि तीन राज्यों के आठ जिलों में यह दर 10 प्रतिशत से अधिक है।
इस बीच अब Omicron वेरिएंट को लेकर एक और जानकारी सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार B.1.1.529 वेरिएंट ने खुद को दो वंशावली में विभाजित कर दिया है। ये वेरिएंट दो वंशों BA.1 और BA.2 में विभाजित हो गया है। वायरोलॉजिस्ट का कहना है कि BA.2 के कई मामले दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा पाए गए हैं।
BA.1 जहां मूल वंश है वहीं, BA.2 में करीब 24 म्यूटेशन मिले हैं। ओमिक्रॉन में लगभग 50 से भी ज्यादा म्यूटेशन हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन का वंश में विभाजन वैज्ञानिकों के लिए दिलचस्प विषय है क्योंकि ये महामारी विज्ञान को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। एक्सपर्ट्स ने इसे आम आदमी के लिए खतरनाक नहीं बताया है।
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