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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारत में ओमिक्रॉन के 23 मामले: स्वास्थ्य अधिकारियों ने संसद की स्थायी समिति को बताया

भारत में ओमिक्रॉन के 23 मामले: स्वास्थ्य अधिकारियों ने संसद की स्थायी समिति को बताया

स्वास्थ्य अधिकारियों ने ओमिक्रॉन स्वरूप और कोविड-19 से संबंधित अन्य मुद्दों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

Coronavirus, Coronavirus Omicron, Omicron Variant Preventive Actions- India TV Hindi Image Source : PTI REPRESENTATIONAL स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने संसद की एक समिति को सूचित किया कि कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के 23 मामले हैं।

Highlights

  • कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के 23 मामले हैं और अधिकारी स्थिति की करीबी निगरानी कर रहे हैं।
  • अधिकारियों ने समिति को बताया कि ओमिक्रॉन के सबसे अधिक 10 मामले महाराष्ट्र में हैं।
  • स्वास्थ्य अधिकारियों ने ओमिक्रॉन स्वरूप और कोविड-19 से संबंधित अन्य मुद्दों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

नयी दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने गुरुवार को संसद की एक समिति को सूचित किया कि कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के 23 मामले हैं और अधिकारी स्थिति की करीबी निगरानी कर रहे हैं। सरकारी सूत्रों ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अधिकारियों ने समिति को बताया कि ओमिक्रॉन के सबसे अधिक 10 मामले महाराष्ट्र में हैं, इसके बाद राजस्थान में 9 मामले हैं। उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर ओमिक्रॉन स्वरूप के 2,303 मामले हैं।

‘दूसरी खुराक के 9 महीने बाद ली जा सकती है बूस्टर खुराक’
स्वास्थ्य अधिकारियों ने ओमिक्रॉन स्वरूप और कोविड-19 से संबंधित अन्य मुद्दों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। स्वास्थ्य सचिव, आईसीएमआर महानिदेशक और मंत्रालय के अन्य शीर्ष अधिकारी 'कोविड -19 के ओमिक्रॉन स्वरूप से उत्पन्न चुनौतियों के' मुद्दे पर स्वास्थ्य पर संसद की स्थायी समिति को जानकारी दी, जिसकी अध्यक्षता समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि कोविड-19 रोधी टीके की बूस्टर खुराक के सवाल पर, अधिकारियों ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो तीसरी खुराक ली जा सकती है, लेकिन दूसरी खुराक के 9 महीने बाद ही।

‘अधिकारियों को वायरस से आगे रहना चाहिए’
सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान, सदस्यों ने सुझाव दिया कि कोविड-19 से निपटना चोर-पुलिस के खेल की तरह है और अधिकारियों को ‘वायरस से आगे रहना चाहिए।’ सूत्रों के अनुसार, अपनी प्रस्तुति के दौरान अधिकारियों ने टीके की प्रभावशीलता की आवश्यकता को रेखांकित किया जो विभिन्न स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी है। सूत्रों के अनुसार, 100 से अधिक देश ऐसे हैं जो अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए भारत सरकार द्वारा जारी किए गए टीका प्रमाणपत्र स्वीकार कर रहे हैं। (भाषा)

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