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Hindi News भारत राष्ट्रीय Om Prakash Chautala: दिल्ली HC से ओम प्रकाश चौटाला को मिली बड़ी राहत, 4 साल कैद की सजा पर लगी रोक

Om Prakash Chautala: दिल्ली HC से ओम प्रकाश चौटाला को मिली बड़ी राहत, 4 साल कैद की सजा पर लगी रोक

Om Prakash Chautala: हाई कोर्ट ने इस सजा को निलंबित करने के चौटाला के अनुरोध पर इस सप्ताह के प्रारंभ में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

Om Prakash Chautala- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO Om Prakash Chautala

Highlights

  • निचली अदालत ने सुनाई थी 4 साल कैद की सजा
  • 'चौटाला ने निश्चित ही हिरासत में डेढ़ साल बिताए हैं'
  • '50 लाख रुपये के जुर्माने का भुगतान करना जरूरी'

Om Prakash Chautala: दिल्ली हाई कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की कैद की सजा निलंबित कर दी है। निचली अदालत ने इस मामले में उन्हें 4 साल कैद की सजा सुनाई थी। न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने आज 88 वर्षीय नेता को जमानत देते हुए कहा कि निचली अदालत की ओर से लगाए गए 50 लाख रुपये के जुर्माने के भुगतान, पांच लाख रुपये के जमानती बांड और उतने का ही मुचलका भरने के बाद ही सजा का निलंबन संभव है। 

 हिरासत में डेढ़ साल बिताए हैं और अपील में वक्त लग सकता है: अदालत

अदालत ने कहा कि चौटाला ने निश्चित ही हिरासत में डेढ़ साल बिताए हैं और अपील में वक्त लग सकता है। अदालत ने बुधवार को जारी किए गए आदेश में कहा, "अपीलकर्ता (चौटाला) की सजा वर्तमान अपील के लंबित रहने तक लंबित की जाती है, लेकिन उसके लिए निचली अदालत की ओर से लगाए गए 50 लाख रुपये के जुर्माने का भुगतान करना जरूरी है और निचली अदालत की इच्छा के मुताबिक पांच लाख रुपये के जमानती बांड और उतने का ही मुचलका भरना आवश्यक है। अपीलकर्ता निचली अदालत की अनुमति के बगैर विदेश नहीं जाएगा।" 

'अन्य मामले में सुनाई गई सजा के कारण जेल से कभी रिहा नहीं किया गया'

इस आदेश में अदालत ने यह भी कहा कि वैसे तो चौटाला को इस मामले में जमानत मिल गई है और उन्होंने जमानती बांड भरा भी है, लेकिन वह हिरासत में ही हैं और उन्हें अन्य मामले में सुनाई गई सजा के कारण जेल से कभी रिहा नहीं किया गया। निचली अदालत ने 27 मई को चौटाला को 1993-2006 के बीच आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने के जुर्म में चार साल की कैद की सजा सुनाई थी और 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। 

कोर्ट ने सजा को निलंबित करने के अनुरोध पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था 

हाई कोर्ट ने इस सजा को निलंबित करने के चौटाला के अनुरोध पर इस सप्ताह के प्रारंभ में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई ने उन पर 1993-2006 के दौरान आय के वैध स्रोत से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते 2005 में मामला दर्ज किया था और 26 मार्च, 2010 को आरोपपत्र दाखिल किया था। 

सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, 24 जुलाई, 1999 से पांच मार्च, 2005 तक हरियाणा का मुख्यमंत्री रहने के दौरान चौटाला ने अपने परिवार के सदस्यों एवं अन्य के साथ साठगांठ कर चल एवं अचल संपत्तियां अर्जित की थीं, जो उनकी एवं उनके परिवार के सदस्यों की आय के ज्ञात वैध स्रोत से अधिक थी। 

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