OIC Statement about India: इस्लामिक संगठन ओआईसी (OIC) भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए हमेशा तैयार रहता है। इस बार फिर ओआईसी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर बयान दिया है। यूएन में ओआईसी के एक कॉन्टैक्ट ग्रुप ने बुधवार को कहा कि भारत ने 5 अगस्त 2019 को जो कदम उठाया था, उसे वापस लेना चाहिए। इस बैठक की अध्यक्षता ओआईसी के महासचीव हिसेन ब्राहिम ताहा ने की। ऐसा पहली बार नहीं है कि ये संगठन कश्मीर को लेकर जहर उगला। इससे पहले भी धारा 370 खत्म होने के तीसरे बरसी पर भारत के खिलाफ बयान दिया था।
पहले भी उगला था जहर
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खत्म हुए तीन साल हो गए। इसी तीसरी बरसी पर पाकिस्तान और ओआईसी (oic)ने भारते के खिलाफ बयान दिया था। ओआईसी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जम्मू-कश्मीर को लेकर कई ट्वीट किया गया था। ओआईसी ने लिखा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावना के अनुसार जम्मू-कश्मीर विवाद के समाधान के लिए कदम उठाना जरूरी है। आगे लिखा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार ने जो फैसला लिए हैं उन्हें वापस लेना चाहिए। 5 अगस्त को 2022 को जम्मू-कश्मीर में की गए एकतरफा कार्रवाई को तीन साल पूरे हो गए हैं। जो कदम उठाया गए हैं वे ना तो जम्मू-कश्मीर विवाद को खत्म कर सकते हैं। और ना ही कश्मीरी लोगों के खुद के फैसले के अधिकार को खत्म कर सकते हैं। हालांकि इस तरह के बयानों के भारत सरकार ने खारिज कर दिया।
नूपूर शर्मा के बयान पर दिया था प्रतिक्रिया
नुपूर शर्मा के बयान पर प्रतिक्रिया दिया था। इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा था कि यह 'भारत में इस्लाम के प्रति घृणा और तेज करने और मुसलमानों के खिलाफ दुर्व्यवहार के संदर्भ में आया है।
हिजाब को लेकर दिया था नसीहत
ओआईसी ने कर्नाटक में चल रहे हैं हिजाब विवाद को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद भारत सरकार ने करार जवाब दिया। ओआईसी ने कहा था कि भारत से आग्रह है कि वह मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इसके साथ ही मुसलमानों की जीवन शैली की भी रक्षा होनी चाहिए। मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और नफरत फैलाने वालों के न्याय के कटघरे में खड़ा करना चाहिए। हालांकि भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा था कि "कर्नाटक के कुछ शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड मामला प्रदेश के हाई कोर्ट में विचारधीन है। हमारे संवैधानिक ढ़ाचे में ही लोकतांत्रिक स्वभाव और नीति के जरिए इस मुद्दे का समाधान होगा। जो भारत को ठीक से जानते हैं, उन्हें सच्चाई पता है। हमारे आंतरिक मुद्दों पर राजनीति से प्रेरित टिप्पणियां स्वागत योग्य नहीं हैं।
क्या है ओआईसी (OIC)?
ओआईसी एक इस्लामिक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। इसकी स्थापना 25 सिंतबर 1969 को रबात शहर में हुई थी। ये यूएन के बाद दूसरा बड़ा अंतर-सरकारी संगठन है। इसका मुख्यालय सऊदी अरब के जेद्दा में है। इसमें सदस्यों राष्ट्रों की संख्या 57 है वहीं 40 मुस्लिम बहुल देश शामिल हैं।
क्या भारत के खिलाफ ओआईसी?
इस संगठन को मुस्लिमों की आवाज के लिए जाना जाता है। इसमें सबसे अधिक मुस्लिम देश है। पाकिस्तान इस संगठन का हिस्सा है। पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दो के लेकर हमेशा रोता रहता है। इस संगठन ने कश्मीर को लेकर हमेशा गलत बयान दिया है। पाकिस्तान और तुर्की जैसे देश काफी दबाव बनाते हैं। जिसके के कारण ओआईसी कश्मीर को लेकर हमेशा सदस्यों देशों को गोलबंद करता है।
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