Odisha News: रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग अभियान के तहत जुलाई के दौरान पूर्वी तटीय रेलवे के अधिकार क्षेत्र से 29 लड़कियों सहित कुल 169 नाबालिगों को बचाया है। एक आधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन बच्चों को बचाया गया है उनमें लापता बच्चों के अलावा ऐसे बच्चे भी शामिल हैं जो अपना घर छोड़कर भाग गए थे। गौरतलब है कि पूर्वी तटीय रेलवे का भौगोलिक क्षेत्राधिकार ओडिशा के अलावा, आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में फैला हुआ है।
आरपीएफ ने स्टेशनों और ट्रेनों में अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से और पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग इकाइयों (AHTU) के प्रयासों को समर्थन देने के लिए देश भर में अपनी पहुंच को बढ़ाते हुए हाल ही में एक अभियान शुरू किया था। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों के दौरान आरपीएफ ने तस्करों के चंगुल से 2,178 लोगों को बचाया है।
रेलवे के हादसों पर भी एक नजर
एक प्रश्न का जवाब देते हुए लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि साल 2014-15 यानि जब से मोदी सरकार देश में बनी है तब से देश में कुल कितने रेलवे एक्सिडेंट्स हुए हैं। इस पर बात करते हुए रेल मंत्री ने बताया कि 25 ऐसी रेल दुर्घटनाएं हुई हैं जिनमें दो ट्रेनों की आपस में टक्कर हुई है। इसी के साथ रेलवे से जुड़ी आग लगने की घटनाओं की बात करें तो ऐसी 33 घटनाएं दर्ज की गई हैं।
रेल मंत्री के लोकसभा में दिए जवाब के अनुसार 2014-15 से लेकर अब तक रेलगाड़ियों की टक्कर की कुल 25 दुर्घटनाएं घटी हैं, जिसमें इस वित्त वर्ष में गत 26 जुलाई तक ऐसी एक घटना घटी है। आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में रेलवे में आग लगने की 33 घटनाएं घटीं, जिनमें इस वित्त वर्ष में 26 जुलाई तक आग लगने की दो घटनाएं सामने आईं हैं। वैष्णव ने जो उत्तर दिया उसके अनुसार 2014-15 से अब तक रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने के कुल 396 हादसे हुए, जिनमें चालू वित्त वर्ष में 26 जुलाई तक 6 ऐसी घटनाएं घटीं। उन्होंने बताया कि 2014-15 से लेकर 2022-23 में 26 जुलाई तक रेलवे के क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं के 133 मामले सामने आए हैं, जिनमें इस वित्त वर्ष में अब तक कोई ऐसा मामला दर्ज नहीं किया गया है।
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