राज्य की सौ फीसदी आबादी का आधार कार्ड बनवाने की कोशिशों के तहत ओडिशा सरकार अस्पतालों में नवजातों के आधार पंजीकरण की व्यवस्था शुरू करेगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह विचार तब सामने आया, जब देखा गया कि 0-5 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों का आधार पंजीकरण ‘न्यूनतम’ था और अगर यह पहल लागू की जाए तो नवजातों का त्वरित पंजीकरण सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है।
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव मनोज मिश्र ने ‘कहा, “देश में भले ही बच्चों का आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है, लेकिन ओडिशा अस्पतालों में ऐसी सुविधा उपलब्ध कराने वाला पहला राज्य होगा।” उन्होंने बताया कि सरकार के फैसले के मुताबिक नवजातों का पंजीकरण बिना बायोमेट्रिक पहचान लिए किया जाएगा।
मिश्रा के अनुसार, वयस्कों की तरह ही बच्चों को भी 12 अंकों का विशिष्ट पहचान नंबर जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बच्चों को उनके चेहरे की तस्वीर और जनसांख्यिकीय आंकड़ों के आधार पर विशिष्ट पहचान नंबर आवंटित किया जाएगा और इसे अभिभावकों के आधार नंबर से भी जोड़ा जाएगा।
मिश्रा ने कहा, “जब बच्चे पांच साल और 15 साल के हो जाएंगे, तब उनकी बायोमेट्रिक पहचान (उंगलियों के निशान, पुतली और चेहरे की तस्वीर) अपडेट करवानी होगी।” उन्होंने बताया कि राज्य में फिलहाल 0-5 साल के आयु वर्ग के कुल 40.36 लाख बच्चों में से 14.83 लाख का आधार पंजीकरण कराया जा चुका है।
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