ओडिशा में हुए ट्रेन हादसे को 3 दिन बीत चुके हैं। इस हादसे में 200 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। इस हादसे पर बालासोर के कलेक्टर दत्तात्रेय पाटिल ने कहा कि 2 जून को मैं हादसे वाली जगह पर 45 मिनट में पहुंचा। राहत बचाव टीम आधे घंटे में घटनास्थल पर पहुंची। वहीं डायल 100 एम्बुलेंस की टीम एक घंटे में मोबिलाइज की गई। उन्होंने बताया कि ओड़िशा में स्थानीय लोगों को भी डिजास्टर मैनजमेंट के लिए ट्रेन किया जाता। ट्रेन हादसे के बाद लोगों की मदद के लिए सबसे स्थानीय लोग ही घटनास्थल पर पहुंचे थे। हमलोग जब वहां पहुंचे तो कोशिश की कि घायलों को अस्पताल पहुंचाया जाए।
लोगों को सिखाया जाता है आपदा प्रबंधन का पाठ
उन्होंने बताया कि इसके लिए वहां चार मेडिकल टीम लगाई गई, जो मृत और घायलों की पहचान कर रहे रहे थे। मृत लोगों को वही एक स्कूल में शिफ्ट किया गया। उन्होंने बताया कि 1200 घायल लोगों को अस्पतालों में शिफ्ट किया गया और राहत की बात है कि उसमें से 95 प्रतिशत लोगों को बचा लिया गया है। इसके पीछे ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक हैं, जो कहते है कि डिजास्टर में जीरो जान का नुकसान होना चाहिए। ओडिशा लगातार प्राकृतिक आपदाओं को झेल रहा है। इसलिए यहां डिजास्टर मैनजमेंट पर फोकस ज्यादा रहता है और इसलिए बेहद कम वक्त ने रिलीफ घटनास्थल पर पहुंच सका।
डेथ सर्टिफिकेट के लिए डॉक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं
इस मामले में राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि मृतकों के परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट के लिए कोई भी डॉक्यूमेंट देने की जरूरत नहीं होगी। राज्य सरकार सुओमोटो लेकर परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट मुहैया कराएगी। उन्होंने बताया कि अबतक 170 मृतकों की पहचान कर ली गई है। बता दें कि 2 जून को तीन ट्रेनों की आपस में हुई टक्कर के कारण 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। वहीं इस घटना में सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। बता दें कि इस हादसे में मारे गए लोगों को परिजनों के लिए मुआवजे का भी ऐलान किया गया है।
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