ओडिशा: बालासोर में कल यानी शुक्रवार की शाम को हुए एक बड़े रेल हादसे में अबतक 288 लोगों की मौत हो चुकी है और मृतकों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इस हादसे के जांच के आदेश दिए गए थे। शुरुआती जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। कमिश्नर रेल सेफ्टी ने हादसे की जांच की है और कहा है कि शुरुआती जांच के मुताबिक सिस्टेमेटिक नाकामी सामने आई है। इसके बाद कई अफसरों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। वहीं, पीएम मोदी आज ओडिशा जाएंगे और घटनास्थल का दौरा करेंगे। घटनास्थल पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य के सीएम नवीन पटनायक पहुंचे हुए हैं।
हालांकि पुख्ता तौर पर अभी यह पता नहीं चल पाया है कि तीनों ट्रेनें एक-दूसरे पर कैसे टकरा गईं। प्रारंभिक रिपोर्टों में कहा गया है कि डाउन लाइन पर बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन शाम 6.55 बजे पटरी से उतर गई और कोरोमंडल शाम 7 बजे अप लाइन पर पटरी से उतर गई। कोरोमंडल के पटरी से उतरे डिब्बे पहले बेंगलुरु-हावड़ा और फिर मालगाड़ी से टकरा गए जिससे ये हादसा हो गया।
इस्तीफा दें रेल मंत्री
वहीं, हादसे के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग तेज हो घई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने कहा कि जब ऐसी दुर्घटनाएं पहले होती थीं, तो रेल मंत्री इस्तीफा दे देते थे। पवार ने कहा, "लेकिन अब कोई भी बोलने को तैयार नहीं है।"
तृणमूल के प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा, "कथित सिग्नल फेल होने के कारण 3 ट्रेनें दुर्घटनाग्रस्त हो गईं, यह विश्वास से परे चौंकाने वाला है। ये गंभीर सवाल हैं, जिनका जवाब देने की जरूरत है।"
ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना पर सवाल उठाते हुए, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने 'कवच' सुरक्षा प्रणाली की व्याख्या करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का वीडियो साझा किया।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से साधी चुप्पी
घटनास्थल पर पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक तरफ जहां दुर्घटनाग्रस्त बोगियों का जायजा लिया, राहत-बचाव अभियान की समीक्षा की और रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे अधिकारियों से मिले, लेकिन सवालों से दूर भागते भी नजर आए। मीडिया से बातचीत करते समय वह ज्यादातर सवालों का जवाब देने से बचते नजर आए। उन्होंने कई सवालों के जवाब में सिर्फ यही कहा कि वह देखेंगे, उनके अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, तो वहीं उन्होंने अपने इस्तीफे के सवाल पर चुप्पी साध ली।
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