A
Hindi News भारत राष्ट्रीय Nupur Sharma: नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी से पूर्व जज और अधिकारी नाराज, CJI को खत लिखकर की ये मांग

Nupur Sharma: नूपुर शर्मा पर सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी से पूर्व जज और अधिकारी नाराज, CJI को खत लिखकर की ये मांग

Nupur Sharma: सुप्रीम कोर्ट नूपुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नूपुर शर्मा की टिप्पणी को "डिस्टर्ब करने वाली" कहा था। उन्होंने कहा था कि ऐसी टिप्पणियों करने की उन्हें क्या जरूरत है? जब नूपुर के वकील ने कहा कि उन्होंने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी और बयान को वापस ले लिया है।

Supreme Court and Nupur Sharma - India TV Hindi Image Source : FILE Supreme Court and Nupur Sharma 

Highlights

  • 117 पूर्व जजों और अधिकारियों ने CJI को लिखी है चिट्ठी
  • यह टिपण्णी सबसे बड़े लोकतंत्र की न्याय प्रणाली पर धब्बे की तरह
  • पत्र ने लिखा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्मण रेखा लांघी है

Nupur Sharma: नूपुर शर्मा मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी मामले को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कोर्ट की टिपण्णी के बाद सोशल मीडिया पर विरोध हो ही रहा था, अब देश के पूर्व जजों और अधिकारियों ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने नाराजगी जताने का माध्यम सोशल मीडिया नहीं बल्कि खत चुना है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को एक चिट्ठी लिखाकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।  

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की टिप्पणी से नाराज पूर्व जजों और अधिकारियों ने सीजेआई एनवी रमना को एक खत लिखा है। इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्मण रेखा लांघी है और नूपुर के मामले में तुरंत अदालत को सुधार संबंधी कदम उठाने चाहिए। पत्र में यह भी कहा कि जस्टिस सूर्यकांत त्रिपाठी की टिप्पणियों और आदेशों को वापस लेने का निर्देश दिया जाए। चिट्ठी में 15 रिटायर्ड जजों, 77 रिटायर्ड नौकरशाहों और 25 रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों के साइन भी हैं।

साइन करने वालों में पूर्व जस्टिस, अधिकारी और सेना अधिकारी भी शामिल  

इस पत्र में साइन करने वालों में केरल हाईकोर्ट के जस्टिस पीएस रविंद्रन, बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस क्षितिज व्यास, गुजरात हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एसएम सोनी, राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस आरएस राठौर और प्रशांत अग्रवाल, दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एसएन ढींगरा भी शामिल हैं। पूर्व IAS अधिकारी आरएस गोपालन और एस कृष्ण कुमार, राजदूत (रिटायर) निरंजन देसाई, पूर्व DGP एसपी वैद, बी एल वोहरा, लेफ्टिनेंट जनरल वी के चतुर्वेदी (रिटायर) ने भी हस्ताक्षर किए हैं। इन लोगों ने कहा कि नूपुर के केस में सुप्रीम कोर्ट के जजों के कमेंट न्यायिक मूल्यों से मेल नहीं खाते हैं।

चीफ जस्टिस को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि, "न्यायपालिका के इतिहास में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणियां कभी नहीं हुईं। ये सबसे बड़े लोकतंत्र की न्याय प्रणाली पर धब्बे की तरह हैं। जिनको तत्काल सुधारने की जरूरत है, क्योंकि इसके कारण लोकतांत्रिक मूल्यों और देश की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है। इन कमेंट्स का केस से लेना-देना नहीं था।"

नूपुर शर्मा की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान की थी टिपण्णी 

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट नूपुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने नूपुर शर्मा की टिप्पणी को "डिस्टर्ब करने वाली" कहा था। उन्होंने कहा था कि ऐसी टिप्पणियों करने की उन्हें क्या जरूरत है? जब नूपुर के वकील ने कहा कि उन्होंने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी और बयान को वापस ले लिया है। इसपर अदालत ने कहा कि उन्हें टीवी पर जाना चाहिए था और देश से माफ़ी मांगनी चाहिए थी। 

Latest India News