Indian Wedding: देश में बढ़ रही है अविवाहितों की संख्या, क्या भारतीय युवा शादी से भाग रहे हैं दूर?
Indian Wedding: ब्रिटिश अमेरिकी अभिनेत्री हेलन का शादी को लेकर एक उनका डायलॉग है... "The great marriages are partnership" यानी आसान भाषा में कहें तो शादी दो लोगों के बीच अच्छी साझेदारी है।
Highlights
- 17% पुरुष और 14% महिलाएं शादी नहीं करना चाहते हैं
- विवाहित व्यक्तियों का अनुपात 2019 में 23 फ़ीसदी बढ़कर हो गया है
- लिव इन रिलेशनशिप यूज एंड थ्रो वाला कल्चर है
Indian Wedding: ब्रिटिश अमेरिकी अभिनेत्री हेलन का शादी को लेकर एक उनका डायलॉग है... "The great marriages are partnership" यानी आसान भाषा में कहें तो शादी दो लोगों के बीच अच्छी साझेदारी है। वही बॉलीवुड के फिल्म का एक गाना है "शादी करके फंस गया यार अच्छा खासा था कुंवारा" गाने के बोल से ऐसा लग रहा है कि वह शादी करके काफी परेशान हो गया है, तो दूसरी तरफ हेलन कहती हैं कि शादी के लिए अच्छी साझेदारी होनी जरूरी है। इन दोनों में से अगर आप को कहा जाए कि किस में आप विश्वास रखते हैं, तो हो सकता है कि ज्यादातर आंकड़े हेलन के खिलाफ हो। ऐसा मैं नहीं कह रहा हूं।
हाल में एक आए आंकड़े बता रहे हैं कि युवा शादी करने से कतरा रहे हैं। आखिर इसके पीछे की वजह क्या हो सकती है। भारतीय समाज का एक परंपरा है कि जब लड़का या लड़की का उम्र हो जाए। वह नौकरी करने लगे तो अंतिम विचार आता है कि अब उसकी शादी कर दी जाए। यानी एक परंपरा की तरह कई दशकों से यह रिवाज चलते आ रहा है लेकिन वर्तमान की स्थितियों को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि युवा शादी से दूरी बना रहे हैं। आइए समझते हैं कि युवा ऐसा क्यों करने पर मजबूर हैं, आखिर चाहते क्या है।
जापाना का सर्वे क्या कहता है?
भारत से अलग जापान में भी युवा शादी नहीं करना चाहते हैं। जापान में एक हुए सर्वे के मुताबिक, 17% पुरुष और 14% महिलाएं जिनकी उम्र 18 वर्ष से लेकर 34 वर्ष तक था। इन सभी लोगों से शादी को लेकर पूछा गया तो जवाब एक ही आया कि वह शादी के बंधन से दूर रहना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि शादी होने से इंसान बंध जाता है। इसलिए शादी करने का कोई इरादा नहीं है।
देश में अविवाहितों की संख्या बढ़ी
हमारे देश में अविवाहित लोगों की संख्या पिछले सालों की अपेक्षा तेजी से बढ़ी है। भारत सरकार द्वारा कराए गए एक सर्वे के मुताबिक, 15 वर्ष से लेकर 29 आयु वर्ग के अविवाहित व्यक्तियों का अनुपात 2019 में 23 फ़ीसदी बढ़कर हो गया है जबकि 2011 में यह महज 17 था। अब आप समझ सकते हैं कि 2022 में आंकड़े जरूर बढ़े होंगे। हालांकि फिलहाल कोई एग्जैक्ट आंकड़ा नहीं है लेकिन देश में बढ़ रहे बेरोजगारी को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि अविवाहितों की संख्या जरूर बढ़ी होगी।
क्या लिव इन रिलेशनशिप यूज एंड थ्रो वाला कल्चर?
हाल ही में, केरल हाईकोर्ट में अपने एक फैसले में बताया कि युवाओं के बीच शादी को लेकर एक गलत अवधारणा बनती जा रही है। सुनाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि युवाओं को शादी एक बुराई की तरह लगने लगी है। जिसे वह बिना किसी दायित्व और दायित्वों से मुक्त होकर जीवन का आनंद लेने के लिए इन सब चीजों से बच रहे हैं। वह वाइफ फॉरएवर इन्वेस्टमेंट की परंपरा को बदलकर लिव इन रिलेशनशिप में बदल रहे हैं। लिव इन रिलेशनशिप यूज एंड थ्रो वाला कल्चर है। इस तरह के कल्चर ने वैवाहिक रिश्तो को भी प्रभावित किया है।
शादी एक अनुशासन
लिव इन रिलेशनशिप या शादी, इन दोनों संबंधों में कई युवाओं से बात की। जहां शादी के पक्ष में अधिक युवाओं की सहमति बनी तो कुछ लोगों का विश्वास लिव इन रिलेशनशिप में था। बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले युवा समाजसेवी संजीव कुमार से इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शादी ही सच्चाई है, बाकी सब भ्रम है। शादी एक जिम्मेदारी का बंधन होता है। जिस वजह से इंसान हर काम अपने समय के मुताबिक करता है। उन्होंने आगे बताया कि हमारी भारतीय परंपरा में हर चीज समाज के बंधन से जुड़ी है जो कि हमारे सनातन धर्म को महान बनाती है। हमें लगता है कि शादी एक अनुशासन है। वहीं उन्होंने बताया कि लिव इन रिलेशनशिप समाज के लिए खतरा है।
लिव इन रिलेशनशिप एक समझ
वही कुछ युवा लिव इन रिलेशनशिप में भी विश्वास रखते हैं। इस संबंध में वर्तमान स्पोर्ट्स प्लेयर रमेश मेहता बताते हैं कि लिव इन रिलेशनशिप एक समझ है। शादी करने से पहले आपको किसके साथ रहना है यह आप तय कर लेते हैं, तो आपको लिव इन रिलेशनशिप के दौरान उन्हें समझने का मौका मिलता है। इसमें दोनों पार्टनर की सोच सामने आती है। यानी आसान भाषा में कहें तो एक समय मिल जाता है, समझने के लिए ताकि आगे जब हम शादी करे तो किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो। उन्होंने आगे बताया कि आपने देखा होगा कि कई शादियां होती है लेकिन कुछ महीने बाद टूट भी जाती है क्यों ऐसा होता है। इसका कारण है कि दोनों की सोच मिलती नहीं है जिसके वजह से घर में कलह शुरू हो जाती है। अंत में रिश्ते तलाक के रूप में बदल जाते हैं।
लिव इन रिलेशनशिप में होने से पहले कई बार सोचे
वही इसी संबंध में पत्रकार बजरंगी कुमार ने बताया कि लिव इन रिलेशनशिप बेहतर है। अगर कोई युवा और युवती साथ में रहकर हर पहलू को समझ लेते हैं तो आगे वैवाहिक जीवन में किसी प्रकार की कोई कठिनाई सामने नहीं आती है। वह दोनों लिव इन रिलेशनशिप के दौरान हर परेशानियों का सामना कर चुके होते हैं। आगे कहा कि आजकल लिव इन रिलेशनशिप यूज एंड थ्रो का कल्चर बन गया है, यह गलत है। इस पर युवाओं को सोचनी चाहिए कि जब आप किसी रिलेशनशिप में बंधने जा रहे हैं तो आप हर चीजों को समझे फिर कोई फैसला ले। इसमें दोनों की लाइफ खत्म हो जाती है।