Noida Supertech Twin Towers Demolished: सुपरटेक ट्विन टावर्स के गिरने की खबर आपको अबतक मिल गई हो गई होगी। टावर्स कैसे गिरी, टावर्स किन कारणों से गिरी आपको मालुम हो गया होगा। क्या आपको पता है कि किन चार लोगों ने सुपरटेक ट्विन टावर्स खिलाफ लंबी लड़ी। ये चारों एमराल्ड कोर्ट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य थे। आपको बता दें कि संघ के अध्यक्ष 79 वर्षीय उदय भान सिंह तेवतिया, 65 वर्षीय सेवानिवृत्त रवि बजाज दोनों पूरी लड़ाई का नेतृत्व कर रहे थे। इसके साथ ही साथ 74 वर्षीय आयकर अधिकारी एसके शर्मा और 59 वर्षीय एमके जैन थे। हालांकि बजाज ने बाद में एसोसिएशन छोड़ दिया था।
कोविड-19 के कारण एमके जैन की हो गई मौत
इस लड़ाई में एमके जैन की पिछले साल COVID 19 के कारण निधन हो गया। एमके जैन ने हर कदम पर साथ रहे थे। ये यात्रा बिल्कुल भी आसान नहीं थी। इस दौरान एमके जैन समेत तीनों लोगों ने अनारक्षित टिकटों पर भारी भीड़-भाड़ वाली ट्रेनों और सार्वजनिक परिवहन में यात्रा किया था। उस दौरान बहुत से लोग उन्हें इस मामले को छोड़ देने के लिए कहा लेकिन चारों लोगों ने अपनी लड़ाई जारी रखी। सभी लोगों को लगता था कि ये मामला एक रियल-एस्टेट बिल्डर के खिलाफ था। ऐसे में हमेंशा जान जाने की डर भी सताती रहती थी। आखिर में इस कानूनी लड़ाई में सच की जीत हुई है और भष्ट्राचार की इमारत ढह गई। आज तीन सदस्यों के आखों के सामने ये इमारत गिर गई।
ये सब कैसे शुरु हुआ था?
रियल-एस्टेट अग्रणी सुपरटेक 2005 से अपनी जुड़वां टावर योजनाओं में लगातार संशोधन कर रहा था। वर्ष 2005 की योजना में 'सेयेन' नाम का एक टावर था, जिसमें एक बगीचे के साथ 14 मंजिलें थीं, जिसे अगले वर्ष संशोधित किया गया था। हालांकि 2009 में योजना को फिर से बदल दिया गया था, जिसमें बगीचे और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को खत्म कर दिया गया और दो टावरों को शामिल किया गया था। एपेक्स और साईन 40 मंजिलों इमारत बनाने की नींव रखी गई। इस योजना को 2012 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित किया गया था लेकिन इसका निर्माण 2009 से चल रहा है। परियोजना के शुरुआती निर्माण ने बहुत सारे सवाल पैदा हुए और इसलिए वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्यों ने चल रहे निर्माण के लिए सवाल और स्पष्टीकरण पूछना शुरू कर दिया। हालांकि बिल्डर सदस्यों के साथ कुछ भी साझा करने का इच्छुक नहीं था।
किसके खिलाफ थी लड़ाई
एमराल्ड कोर्ट परियोजना के तहत बने ट्विन टावर सुपरटेक लिमिटेड नाम की कंपनी के हैं। जो एक निजी कंपनी है। कंपनी 7 सितंबर, 1995 में निगमित हुई थी। सुपरटेड के संस्थापक आर के अरोड़ा हैं। उनकी 34 कंपनियां हैं। आर के अरोड़ा की पत्नी संगीता अरोड़ा ने 1999 में दूसरी कंपनी सुपरटेक बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड शुरू की थी। इस बड़े शख्स के सामने अडिग रहे है और अपनी लड़ाई लड़ी।
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