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Hindi News भारत राष्ट्रीय कश्मीर में रमजान में पिछले 32 सालों में पहली बार हुआ ऐसा, आर्टिकल 370 का खात्मा है वजह?

कश्मीर में रमजान में पिछले 32 सालों में पहली बार हुआ ऐसा, आर्टिकल 370 का खात्मा है वजह?

2022 के रमजान की बात करें तो हर 2 दिन के बाद आतंकवादी हमले और मुठभेड़ की खबरें मिलती थीं, और इस दौरान करीब 20 आतंकवादी मारे गये थे।

Ramzan in Kashmir, Ramzan in Kashmir Article 370, Article 370, Jamia Masjid Srinagar- India TV Hindi Image Source : INDIA TV श्रीनगर की जामिया मस्जिद में नमाज अदा करते लोग।

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में स्थित ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जुमातुल विदा की नमाज 2019 के बाद पहली बार शुक्रवार को शांति से गुजरी। 2 दिन पहले शब-ए-कद्र की नमाज भी बिना किसी हिंसा के अदा की गई। कश्मीर में 1989 में आतंकवाद का दौर शुरू होने के बाद पवित्र रमजान का ऐसा पहला महीना है जिसमें कोई हिंसा या बड़ी आतंकी वारदात देखने को नहीं मिली। इतना ही नहीं, इस महीने में एनकाउंटर का ग्राफ भी लगभग शून्य रहा और कोई भी नागरिक या सुरक्षाकर्मी जख्मी नहीं हुआ।

रमजान के महीने में हुई सिर्फ एक मुठभेड़
रमजान के महीने में केवल एक मुठभेड़ दक्षिण कश्मीर के शोपियां इलाके में देखने को मिली थी, लेकिन उस मुठभेड़ में आतंकी सुरक्षबलों को चकमा देने में कामयाब रहे थे। कश्मीर में रमजान का पवित्र महीना सुरक्षा एजंसियों के लिए हमेशा से एक बड़ा चैलेंज रहा हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद यह पहला ऐसा मौका है, जब यह महीना शांतिपूर्ण गुजरा है। 2022 के रमजान की बात करें तो हर 2 दिन के बाद आतंकवादी हमले और मुठभेड़ की खबरें मिलती थीं, और इस दौरान करीब 20 आतंकवादी मारे गये थे।

Image Source : India TVजामिया मस्जिद में शुक्रवार को नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हुई।

2022 में आतंकियों ने ली थीं कई जानें
बता दें कि 2022 में आतंकी हमलों में कई नॉन लोकल और स्थानीय लोगों की जानें गई थीं। हालात देखकर प्रशासन ने 2019 के बाद पहली बार शब-ए-कद्र के मौके पर श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में रात भर नमाज की इजाजत दी, जो शांतिपूर्व गुजरी और आज जुमातुल विदा की नमाज भी शांतिपूर्वक संपन्न हुई। इस मौके पर कश्मीर के विभिन्न इलाकों से लोग हजारों की संख्या में जामिया मस्जिद पहुंचे थे। जिस मस्जिद में अक्सर ऐसे मौकों पर पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी और पत्थरबाजी हुआ करती थी, वहां इस बार ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला।

घाटी में कायम होता जा रहा अमन
सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद न सिर्फ हिंसा और पत्थरबाजी पर पूरी तरह रोक लगी है बल्कि आतंकवाद का ग्राफ भी नीचे आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर में स्थानीय आतंकियों की संख्या घटकर अब 30 के आसपास रह गई है जो 2020 के बाद सबसे कम है। इसकी वजह 2019 के बाद सुरक्षाबलों की कार्रवाइयों में तमाम बड़े आतंकियों का मारा जाना है। सुरक्षाबलों के ऑपरेशन के कारण कश्मीर में अमन कायम हो रहा है और इस बार पिछले 32 सालों का सबसे शांत रमजान गुजरा है।

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